• Fri. Sep 12th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

टीबी हारेगा, भारत जीतेगा”: विश्व रक्तदाता दिवस पर रेडक्रॉस की नई पहल।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।


टीबी यानी क्षय रोग एक संक्रामक बीमारी है, जो शरीर को भीतर से कमजोर कर देती है। यह बीमारी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है, जिससे उसका शरीर संक्रमण से लड़ने में अक्षम हो जाता है। ऐसे में केवल दवा ही नहीं, समुचित पोषण भी इलाज का अहम हिस्सा होता है। वैज्ञानिक शोध और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित एवं ऊर्जा से भरपूर आहार टीबी के इलाज में तेजी लाने के साथ-साथ रोगी को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है। इसी महत्वपूर्ण आवश्यकता को समझते हुए, विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर रेडक्रॉस सोसाइटी, किशनगंज द्वारा 10 टीबी मरीजों को गोद लिया गया और उन्हें पोषण आहार के फूड पैकेट वितरित किए गए। यह आयोजन सदर अस्पताल परिसर में संपन्न हुआ, जिसमें जिला पदाधिकारी विशाल राज ने स्वयं मरीजों को आहार प्रदान किया और इस मानवीय प्रयास की शुरुआत की।

“पोषण ही है बीमारी से जंग का असली हथियार” – डीएम विशाल राज
डीएम विशाल राज ने कहा, “क्षय रोग सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि सामाजिक चुनौती है। जब तक मरीज को मानसिक सहारा और पोषण सहयोग नहीं मिलेगा, तब तक इसका उन्मूलन संभव नहीं। रेडक्रॉस ने आज 10 मरीजों को गोद लेकर न सिर्फ उनके इलाज की दिशा मजबूत की है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी दी है।” उन्होंने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि टीबी के प्रति जागरूक बनें, अपने आस-पास किसी को खांसते, कमजोर दिखते या वजन घटते हुए देखें तो जांच करवाने को कहें। साथ ही मरीजों को दवा के साथ-साथ पौष्टिक भोजन और भावनात्मक समर्थन भी दें।

रेडक्रॉस का उद्देश्य: रोगियों को दवा ही नहीं, संबल भी देना
रेडक्रॉस सचिव मिक्की साहा ने जानकारी दी कि, “हमारे द्वारा चयनित 10 टीबी मरीजों को पोषण आहार की नियमित सहायता दी जाएगी। इससे पहले भी 50 मरीजों को गोद लिया गया था। वहीं दूसरे चरण में चयनित मरीजों को फूड पैकेट वितरित किए गए हैं, और यह सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक मरीज पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते।” उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस केवल दान नहीं, सेवा और सामाजिक दायित्व की भावना से कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में रहे कई प्रमुख लोग शामिल
इस कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी, सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ. अनवार हुसैन, डीपीएम, रेडक्रॉस उपाध्यक्ष शंकरलाल महेश्वरी, नागर मल झावर, विमल मित्तल, सौरभ मित्तल, प्रकाश बोथरा, सुमित साहा, अमित मंडल, प्रणव कुमार, प्रवीर प्रसुन्न, विजय काशनिवाल, शरद कडोडिया, विनीत दफ्तरी सहित कई गणमान्य एवं रेडक्रॉस के सदस्य उपस्थित रहे।

“सेवा, सहयोग और संवेदना” – यही है टीबी उन्मूलन की असली राह
कार्यक्रम के अंत में टीबी उन्मूलन के लिए सभी ने एकजुटता से संकल्प लिया और सामूहिक स्वर में घोषणा की –
“टीबी हारेगा, भारत जीतेगा!”

टीबी मरीजों के लिए दवा के साथ पोषण अनिवार्य है।
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि रेडक्रॉस सोसाइटी का यह प्रयास सेवा का सुंदर उदाहरण है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज मिलकर ही टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *