किशनगंज शहर के डे-मार्किट स्थित जीबीएम स्कूल में प्रतिवर्ष की भाँति धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया गया। शिक्षक दिवस का आयोजन वर्ग नवम के छात्र – छात्राओं द्वारा सभी वर्गों के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में सेवानिवृत प्रधानाचार्य इंटर उच्च विद्यालय श्परमेश्वर झा, सेवानिवृत शिक्षक इंटर बालिका उच्च विद्यालय चंद्रशेखर झा, सेवानिवृत शिक्षक इंटर उच्च विद्यालय डीएन झा मौजूद थे। विद्यालय के निदेशक अनिल कुमार सिंह द्वारा मुख्य अथितियों का सम्मान किया गया तथा स्व० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का आरम्भ हुआ।
विद्यालय निदेशक अनिल कुमार सिंह ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक होना अनिवार्य है, जो उनका मार्गदर्शन कर सके। जीबीएम स्कूल बच्चों का कई वर्षों से लगातार मार्गदर्शन करती आयी है और यहाँ के छात्र-छात्राएँ विश्व के अलग-अलग देशों में अपना परचम लहरा चुके है। मुख्य अथिति डी एन सिंह ने बच्चों को स्कूल तथा विद्यालय के बीच के बारीक़ अंतर को समझाया। उन्होंने यह भी बताया कि समाज में शिक्षक और गुरु के बीच क्या अंतर है और शिक्षकों को गुरु बनने का आग्रह किया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज शहर के डे-मार्किट स्थित जीबीएम स्कूल में प्रतिवर्ष की भाँति धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया गया। शिक्षक दिवस का आयोजन वर्ग नवम के छात्र – छात्राओं द्वारा सभी वर्गों के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में सेवानिवृत प्रधानाचार्य इंटर उच्च विद्यालय श्परमेश्वर झा, सेवानिवृत शिक्षक इंटर बालिका उच्च विद्यालय चंद्रशेखर झा, सेवानिवृत शिक्षक इंटर उच्च विद्यालय डीएन झा मौजूद थे। विद्यालय के निदेशक अनिल कुमार सिंह द्वारा मुख्य अथितियों का सम्मान किया गया तथा स्व० सर्वपल्ली राधाकृष्णन को माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का आरम्भ हुआ।
विद्यालय निदेशक अनिल कुमार सिंह ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक होना अनिवार्य है, जो उनका मार्गदर्शन कर सके। जीबीएम स्कूल बच्चों का कई वर्षों से लगातार मार्गदर्शन करती आयी है और यहाँ के छात्र-छात्राएँ विश्व के अलग-अलग देशों में अपना परचम लहरा चुके है। मुख्य अथिति डी एन सिंह ने बच्चों को स्कूल तथा विद्यालय के बीच के बारीक़ अंतर को समझाया। उन्होंने यह भी बताया कि समाज में शिक्षक और गुरु के बीच क्या अंतर है और शिक्षकों को गुरु बनने का आग्रह किया।
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