टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न हिन्दू धार्मिक स्थलों एवं घरों में अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथी पर सोमवार को कलशस्थापन के साथ नौ दिनो की शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हुई। भक्तो ने सुबह सुबह स्नान कर साफ सुथरे वस्त्र धारण कर पूजन सामग्री एकत्रित कर कलश स्थापना की। भक्तो ने कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसमे कलावा बांधा और फिर जल से भरकर कलश में सुपारी, फूल, इत्र, अक्षत, पंचरत्न और सिक्का डालकर पुरे विधि विधान से पूजा अर्चना की शुरुआत की। सोमवार को सुबह से ही मंदिरों मे माता के भजन बज रहे थे। मंदिरो को इस बार अधिक भव्य बनाने के लिए सजावट का काम पहले ही शुरु कर दिया गया था। फुलबरिया स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी थी। पुजारी चन्द्र देव तिवारी ने बताया कि माता की पहले रुप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई जिसमे माता के लिए गाय के घी से बने चीजों का भोग लगाया गया। इसी तरीके से माता के विभिन्न रुपों की भी पूजा अर्चना नौ दिनो तक की जाएगी।
देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज, टेढागाछ।
टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न हिन्दू धार्मिक स्थलों एवं घरों में अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथी पर सोमवार को कलशस्थापन के साथ नौ दिनो की शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हुई। भक्तो ने सुबह सुबह स्नान कर साफ सुथरे वस्त्र धारण कर पूजन सामग्री एकत्रित कर कलश स्थापना की। भक्तो ने कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसमे कलावा बांधा और फिर जल से भरकर कलश में सुपारी, फूल, इत्र, अक्षत, पंचरत्न और सिक्का डालकर पुरे विधि विधान से पूजा अर्चना की शुरुआत की। सोमवार को सुबह से ही मंदिरों मे माता के भजन बज रहे थे। मंदिरो को इस बार अधिक भव्य बनाने के लिए सजावट का काम पहले ही शुरु कर दिया गया था। फुलबरिया स्थित दुर्गा मंदिर में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी थी। पुजारी चन्द्र देव तिवारी ने बताया कि माता की पहले रुप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई जिसमे माता के लिए गाय के घी से बने चीजों का भोग लगाया गया। इसी तरीके से माता के विभिन्न रुपों की भी पूजा अर्चना नौ दिनो तक की जाएगी।
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