सारस न्यूज, किशनगंज।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस गरिमा और मानवाधिकारों तथा एक साक्षर और टिकाऊ समाज के लिए साक्षरता के महत्व को बढ़ावा देने के लिए हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। इसी उद्देश्य से फ्री विल बैप्टिस्ट सोसाइटी के हना प्रोजेक्ट ने जिरनगछ पंचायत के वार्ड नंबर 4 के महादलित टोले में साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। जहां हन्ना प्रोजेक्ट द्वारा उक्त क्षेत्र में आंगनबाड़ी केन्द्र की कमी के कारण बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से सरकारी स्कूलों में प्रवेश दिलाने में मदद कर रही है। हन्ना प्रोजेक्ट ग्रामीण महिलाओं को अपने समुदाय के विकास के लिए पंचायती राज में भाग लेने हेतु सशक्त बनाने के लिए एक वयस्क साक्षरता केंद्र भी चला रहा है। साक्षरता दिवस के अवसर पर छोटे बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शैक्षिक किट वितरित किए गए। शैक्षिक किट वितरण के उपरांत संस्था के कोर्डिनेटर सुभाष दास ने बताया कि अक्षरों का ज्ञान यानी पढ़ने और लिखने का ज्ञान ये वो शक्ति है जो सशक्त और उन्नत समाज का निर्माण करती है। साक्षरता की ताकत किसी भी घर, परिवार और समाज के साथ उस देश के विकास की नींव को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि लोगों को साक्षरता के महत्व और इसके लाभ के बारे में जागरूक करने के लिए हर दिन काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम- परिवर्तनशील दुनया में साक्षरता को बढ़ावा देनाः स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की नींव का निर्माण करना है। इस थीम के तहत इस दिवस को पर मनाया गया।
वही इस कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र की प्रेरक लेखिका के लिए अनुपमा अधिकारी की सराहना की गई और हन्ना प्रॉजेक्ट के द्वारा साक्षरता आइकन के लिए इन्हें चुना गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था लुकास सोरेन, विश्वजीत हलदर, माहिनूर बेगम, ज्योति बनिक, शरवत जहां आदि ने महती भूमिका निभाई।