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अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर सीएचसी ठाकुरगंज के प्रांगण में आशाकर्मी और आशा फैसिलिटेटर ने किया धरना प्रदर्शन।

सारस न्यूज, किशनगंज।

शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज के प्रांगण में अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर आशाकर्मी और आशा फैसिलिटेटर ने धरना प्रदर्शन किया और 24 जुलाई से अपनी मांगों की मांग पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की घोषणा की। वहीं इस दौरान अपने मांगों को लेकर हड़ताल पर गए आशा कार्यकर्ता और आशा -फैसिलिटेटर ने सोमवार से कोई भी स्वास्थ्य सेवा में काम नहीं करने का एलान किया।

मौके पर प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि ये हड़ताल 9 सूत्री मांगों को लेकर को गई है। जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मान लेते तब तक हड़ताल जारी रहेगा। प्रदर्शन कर रहे आशाकर्मी दस हजार रूपए मासिक मानदेय देने, अश्विन पोर्टल से भुगतान शुरू होने से पहले पूर्व के सभी बकाए राशि का भुगतान करने, कोरोना काल में किए काम के लिए कोरोना भत्ता का भुगतान करने, सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन योजना का लाभ देने, आशा कार्यकर्ताओं और आशा फेसीलिटेटरों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने सहित अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

इस दरम्यान आशा एवं आशा फेसिलेटर संघ के प्रखंड अध्यक्ष पिंकी झा ने बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की बुनियाद के रूप में आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटर सेवा देती आ रही हैं। जिसका परिणाम है कि सरकारी संस्थागत प्रसव और जन्म-मृत्यु की दर में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है। मातृ-शिशु दर में भी राष्ट्रीय स्तर पर कमी आई हैं। इतना ही नहीं, प्रसव पूर्व तथा प्रसवोत्तर सहित अन्य टीकाकरण कार्य भी नियमित संचालित हो पा रहा है। इसके अलावा समय-समय पर सरकार द्वारा सौंपे गए अन्य कार्य भी उनके द्वारा सम्पन्न किये जाते हैं।उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दरम्यान भी महामारी संबंधी विभिन्न निरोधात्मक कार्यक्रम को भी इन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर पूरी लगन के साथ पूरा किया है जिस क्रम में कई आशाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। उन्होंने बताया कि बिहार विधान सभा के मार्च-अप्रैल, 23 सत्र के दौरान सदन में सरकार द्वारा मासिक मानदेय में वृद्धि करने की घोषणा की गई है। इसी तरह की घोषणा महागठबंधन के चुनाव संकल्प पत्र में जारी किया गया था लेकिन अत्यन्त दुःख की बात है कि अभी तक माँगों से संबंधित निर्णय नहीं लिए गए हैं। सरकार की अनदेखी से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ के रूप में सेवारत आशा कार्यकर्ता व आशा फैसिलिटेटरों के बीच असंतोष व्याप्त है। इसलिए हमलोगों ने उपरोक्त मांगें सरकार के समक्ष रखी हैं।

इस प्रदर्शन के मौके पर पिंकी झा, शगुप्ता बेगम, सुनीता देवी, अनीता देवी, विभा देवी, निरोला दास, नीलिमा सिन्हा, नूर फातमा, अख्तरी बेगम, शोभा देवी, चश्मेनूर बेगम, माधवी देवी, असमीरा बेगम आदि सहित प्रखंड के सभी 273 आशाकर्मी व 12 आशा फेसिलेटर मौजूद थे।

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