सारस न्यूज, किशनगंज।
आज रविवार से ठाकुरगंज से दिल्ली सहित पटना व कोलकाता का ट्रेन के जरिए सफर बेहद सुगम होने वाला है। सिलीगुड़ी – ठाकुरगंज – अलुआबाडी रोड रेलखंड तक के ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद रेलवे की तरफ से रविवार को इस रूट की तीन ट्रेनों में इलेक्ट्रिक इंजन लगाए जा रहे हैं।
सिलीगुड़ी – ठाकुरगंज – अलुआबाडी रोड रेलखंड के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों के परिचालन की मंजूरी मिलने के बाद इस रेलखंड होकर व लम्बी दुरी की सभी ट्रेनों का परिचालन अब डीजल की जगह इलेक्ट्रिक इंजन से किया जाएगा। अब इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से कराने संबंधी अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी गई। उक्त बाबत रेलवे के द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद राजेन्द्र नगर – एनजीपी कैपिटल एक्सप्रेस पहली ऐसी ट्रेन होगी जो इस रेलखंड होकर इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालित होगी।
राजेन्द्र नगर से 5 फ़रवरी को खुलने वाली इस ट्रेन में जो लगा हुआ इलेक्ट्रिक इंजन सिलीगुड़ी तक जाएगा, वही कंचन कन्या एक्सप्रेस में छह फ़रवरी से इलेक्ट्रिक इंजन लगेगा तो दिल्ली से आने वाली महानंदा एक्सप्रेस में भी पांच फ़रवरी से इलेक्ट्रिक इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे न केवल इंजन बदलने में लगने वाले समय की बचत होगी बल्कि प्रति घंटे 25 से 30 किलोमीटर ट्रेन की स्पीड भी बढ़ जाएगी। वर्तमान में इन ट्रेनों में महानंदा और कैपिटल में कटिहार में तथा कंचन कन्या एक्सप्रेस में मालदा में इलेक्ट्रिक की जगह डीजल इंजन लगाया जाता था।
बताते चलें कि पिछले दिनों 30 जनवरी को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफ रेलवे) के प्रमुख मुख्य विद्युत अभियंता रविलेश कुमार एवं डीआरएम कर्नल शुभेंदु कुमार चौधरी के द्वारा रेललाइन विद्युतीकरण परियोजना का सफल ट्रॉयल के बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया है। मालूम हो कि इस रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन की परिचालन शुरू होने से यात्रियों को आनेवाले दिनों में काफी सुविधा मिलेगी। साथ ही रेलखंड पर ट्रेनों की आवाजाही भी बढ़ेगी। इसके अलावा कई मेमू ट्रेनों का परिचालन होने की संभावना बन जायेगी।
रेलवे अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसके पश्चात एक्सप्रेस सहित अन्य पैसेंजर ट्रेनों में भी इलेक्ट्रिक इंजन लगाया जाएगा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन के डीजल इंजन की औसत रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा की होती है जबकि इलेक्ट्रिक इंजन में यह रफ्तार बढ़कर 65 से 70 किमी प्रति घंटा हो जाती है। वहीं एक्सप्रेस ट्रेनों की बात करें तो उनमें इलेक्ट्रिक इंजन की रफ्तार औसत 105 किमी प्रति घंटा की होती है। जबकि डीजल इंजन की रफ्तार औसत 80 किमी प्रति घंटा की होती है।