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आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा ठाकुरगंज में 24 घंटे का दो दिवसीय बाबा नाम केवलम अखंड संकीर्तन का शुभारंभ।

सारस न्यूज, किशनगंज।

आनंद मार्ग प्रचारक संघ जिला ईकाई किशनगंज की ओर से शनिवार को नगर पंचायत ठाकुरगंज स्थित भातढाला चौक में आनंदमार्गी सुमन भारती के आवास पर 24 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड कीर्तन का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम आनंदमार्ग के संस्थापक व प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी के तैलीय चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर दीप प्रज्जवलित किया गया। इसके बाद प्रभात संगीत, धर्म चक्र व गुरुपूजा आनंदमार्ग के विधि से की गई एवं 24 घण्टे का अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र अखंड बाबा  नाम केवलम संकीर्तन से प्रारम्भ हुई। इस अवसर पर कोलकाता से आचार्य वितमोहानंद अवधूत तथा अररिया से आचार्य विश्वेश्वर अवधूत ने अष्टाक्षरी बाबा नाम केवलम संकीर्तन पर व्याख्यान दिया और द्वय आचार्यों ने कहा कि कीर्तन का मतलब जोर-जोर से किसी का गुणगान करना है। श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने भी व्यक्तिगत साधना के अलावा सामूहिक साधना के लिए बाबा नाम केवलम संकीर्तन का अष्टाक्षरी सिद्धमंत्र दिया है। बाबा का अर्थ है सबसे प्रिय और पूरे मंत्र का अर्थ है अपने सबसे प्रिय इष्ट का नाम। इस कीर्तन से व्यक्तिगत बाधाओं और सामूहिक विपत्तियों से छुटकारा मिल सकता है। कीर्तन के लिए समय, स्थान या व्यक्ति का प्रतिबंध नहीं है, कोई कभी भी कीर्तन कर सकता है। आचार्य ने कहा कि मनुष्य के हिंसक प्रवृति के कारण वातावरण में भय और चीत्कार का तरंग बह रहा है। संयमित जीवन सात्विक आहार, विचार और व्यवहार से विश्व अशांति को हराया जा सकता है। कीर्तन मानवीय संवेदना को मानसाध्यात्मिक स्तर में ले जाकर परम-शांति का रसपान कराता है। उन्होने कहा कि भाव विह्वल होकर जब मनुष्य परम पुरुष को पुकारता है तो उसके अंदर आशा का संचार होता है। कीर्तन करने से उसका आत्मविश्वास और संकल्प शक्ति बहुत मजबूत हो जाती है। सामूहिक कीर्तन प्राकृतिक विपदा से तत्क्षण त्राण देता है। ललित नृत्य के साथ कीर्तन करने से वातरोग का शमन होता है। कीर्तन करने से बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और चिंता भी दूर हो जाती है। कीर्तन साधना सहायक और आनंददायक है।

वहीं इस 24 घंटे के अखंड कीर्तन में आठ कीर्तन मंडली भाग ले रही हैं। संघ के जिला भुक्ति प्रधान सुमन भारती ने बताया कि इस कार्यक्रम में आचार्य शिवतोषानंद अवधूत आचार्य लीलाधीसानंद अवधूत, आचार्य प्राणेश ब्रह्मचारी, आचार्य नित्यलीलानंद अवधूत, आचार्य मनशुद्धानंद अवधूत, आचार्ज करणेशानंद अवधूत, आचार्य हरिप्रेमानंद अवधूत, अवधुतिका आनंद आनंदिता आचार्या आदि मुख्य रूप से भाग ले रहे हैं। इस दौरान नारायण सेवा के तहत सभी लोगों को सात्विक भोजन ग्रहण कराया गया।

वहीं इस कार्यक्रम में चयन कुमार, नीरज यादव, प्रकाश मंडल, नीलेश भारती, मधुमय भारती, कृष्ण प्रसाद सिंह, लक्ष्मी देवी, पुष्पा भारती, चन्द्रमाया देवी, सरस्वती देवी, सुधांशु सितारा, नरेश साह, जयनारायण राय, अमरनाथ राय, आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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