सारस न्यूज, किशनगंज।
नगर पंचायत ठाकुरगंज के रेलवे फाटक के समीप स्थित श्री श्री सिद्धिपीठ काली मंदिर में मां काली पूजा की तैयारी जोर शोर पर चल रही है। आगामी 24 अक्टूबर को आयोजित होने वाली मां काली की पूजा अर्चना को भव्य रुप से करने के लिए मंदिर कमिटी द्वारा मंदिर की साफ-सफाई, रंग-रोगन का काम अंतिम चरण पर है। श्री श्री सिद्ध पीठ काली मंदिर, रेलवे गेट ठाकुरगंज के अध्यक्ष ताराचंद धानुका, सचिव नरेश ठाकुर, उपाध्यक्ष मोहीतोष राहा, उप कोषाध्यक्ष सुजीत अधिकारी, बाबुल दे, सुभाष घोष, दीनानाथ पांडे, नारद सिंहा आदि ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी काली पूजा हर्षोल्लास के साथ श्रद्धापूर्वक मनाने के लिए सारी तैयारी की जा रही है। पूजा से पूर्व मंदिर व इसके चहारदीवारी सहित अन्य सभी हिस्सों का रंग- रोगन कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा। मंदिर परिसर के सभी जगहों की साफ- सफाई के लिए मजदूरों को लगाया गया हैं। मंदिर परिसर में स्थित सभी वृक्षों को भी रंगा जा रहा है।
पूजा आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष पूजा आयोजन में मंदिर परिसर में प्रवेश करने वाले दोनों मार्गों पर आकर्षक विद्युत सज्जा के साथ तोरण द्वार बनाए जाएंगे और इसके साथ पूरे मंदिर प्रांगण को इलेक्ट्रिक डेकोरेशन तथा मंदिर वाले हिस्से को फूलों से सजाया जाएगा। मंदिर परिसर में भव्य पंडाल का भी निर्माण किया जाएगा ताकि व्रती महिला एवं पुरुष श्रृद्धालुओं को मां की अराधना में किसी भी तरह की परेशानी न हो।
मंदिर कमिटी के सदस्यों ने बताया कि करीब पांच दशक पूर्व पंडाल में मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा – अर्चना की शुरुआत हुई थी। इसके बाद टीने के शेड में मां काली की विधिवत रुप से पूजा अर्चना होती रही। फिर पक्के के मंदिर में भी मां की पुजा हुई। लेकिन पिछले वर्ष 2021 में वयोवृद्ध सह मंदिर कमिटी के अध्यक्ष ताराचंद धानुका के नेतृत्व में मंदिर को कोलकाता की प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर काली मंदिर का रुप देते हुए भव्य मंदिर का निर्माण तथा मां काली की स्थाई पत्थर की प्रतिमा कोलकाता से ही लाकर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित कर स्थापित की गई।

मंदिर के पुरोहित मुन्ना पांडे बताते है कि श्री श्री सिद्धपीठ काली मंदिर में श्रृद्धालुओं की पुर्ण आस्था हैं। इस मंदिर में श्रृद्धालु पूजा अर्चना कर मन्नतें मांगते हैं और मां मनोवांछित फल देती है। उन्होंने बताया कि मां काली शक्ति की प्रतिमूर्ति हैं। दुष्टों का संहार करने वाली हिंदू धर्म में शक्ति स्वरूपा मां काली की उपासना का अलग ही महत्व है। मां काली की पूजा-उपासना से भय खत्म होता है और श्रद्धालु व उनका परिवार रोग मुक्त होते हैं। राहु और केतु की शांति के लिए मां काली की उपासना अचूक है। मां अपने भक्तों की रक्षा कर उनके शत्रुओं का नाश करती हैं। इनकी पूजा से तंत्र-मंत्र का असर खत्म हो जाता है। उन्होंने बताया कि दो तरीके से मां काली की पूजा की जाती है,एक सामान्य और दूसरी तंत्र पूजा। सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है, पर तंत्र पूजा बिना गुरू के संरक्षण और निर्देशों के नहीं की जा सकती। मां काली की उपासना का सही समय मध्य रात्रि का होता है। इनकी पूजा में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व है। मां काली के मंत्र जाप से ज्यादा मां का ध्यान करना उपयुक्त होता है।
उन्होंने बताया कि मन्नतें पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं के द्वारा मां काली पूजा के दौरान बलि दी जाती है पर इस बार मंदिर में बलि नहीं दी जाएगी। इस बार सादा बलि की विधान को अपनाया जाएगा।