सारस न्यूज, किशनगंज।
प्रखंड ठाकुरगंज के कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाने वाला रास महोत्सव दो स्थानों में राधा कृष्ण की प्रतिमा रास पर स्थापना के साथ शुभारंभ हो गया। रास पर राधा कृष्ण की सात जोड़ी प्रतिमा के अलावे गोर निताई, बूढी माता, चानेश्वरी माता के अलावे बजरंगबली की प्रतिमा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ स्थापित की गई। पहले सत्यनारायण पूजन हुआ। इसके बाद बंगाल व प्रखंड से आये कीर्तन मंडली द्वारा 48 घंटे का अष्टयाम आरम्भ हो गया। वहीं इस दौरान मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है। सोमवार की संध्या से पूजा अर्चना आरम्भ होने से आसपास का इलाका भक्तिमय हो गया है। हरे राम हरे कृष्ण अष्ट्याम से कीर्तन आरम्भ हुआ। शाम से ही पुजा अर्चना एवं अष्टयाम में भाग लेने बंगाल व आसपास के इलाकों से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा है। वही प्रखंड के गलगलियागच्छ में भी रास पूजा आरम्भ किया गया है। जो मंगलवार को चंद्रग्रहण लगने के कारण तीन दिनों तक चलेगा। सत्यनारायण भगवान के पूजन से यह महोत्सव आरंभ होता है। यहां इस दौरान स्थानीय राजवंशी भाषा में रास कलाकारों द्वारा रासलीला की प्रस्तुति भी की गई।
वही झाला मंदिर कमिटी के नंद कुमार झा ने बताया कि इस बार 48 घंटे का अष्टयाम का आयोजन किया गया है। वे बताते हैं कि वे यहां बीते 50 वर्षो से रास महोत्सव मनाते हैं। इससे पूर्व दूसरे लोग पूजा किया करते थे। इस महोत्सव का 100 वर्ष से भी पुराना इतिहास है। बंगाल, नेपाल के अलावे स्थानीय राजबंशी समाज की महिलाएं व पुरुष यहां पूजा अर्चना के लिए आते हैं। मान्यता है कि लोगो की मन्नते भी यहां पूरी होती है। कार्तिक मास के पूर्णिमा को राधा कृष्ण की प्रतिमा रास पर बैठाकर रास रासाया जाता है। वही कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मुख्य रूप से महिला श्रृद्धालुओं ने स्नान कर कार्तिक भगवान की आराधना की।