नेपाल से पारगमन संधि होने के कारण प्रत्येक दिन सीमावर्ती क्षेत्रो से सैकड़ों लोगों का आना-जाना होता है। रोटी-बेटी का संबंध होने के कारण रिश्तेदारी और व्यापारिक संबंध भी नेपाल से गहरा है। परन्तु भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र से सटे नेपाल के झापा जिला में डेंगू भयावह रूप घीरे-धीरे ले रही है। प्रत्येक दिन नेपाल के झापा जिला से भारतीय बाजारों में हजारों लोगों का आना जाना है। ऐसे में आए दिन झापा जिला में डेंगू संक्रमण के बढ़ने से भारतीय सीमा के गलगलिया, ठाकुरगंज व आस-पास के सीमावासी सहमे हुए हैं। स्वास्थ्य कार्यालय झापा के डेंगू एवं महामारी फोकल पदाधिकारी वीरेंद्र दास ने बताया कि जिले में कुल 15 नगरपालिकाएं है, जिसमें से 12 नगरपालिकाओं में अब तक 79 लोग डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें 45 पुरुष और 34 महिलाएं शामिल हैं। कहा कि पहले जिले की कुछ नगर पालिकाओं में ही डेंगू का संक्रमण देखा गया था। भारतीय सीमा से सटे हल्दीबाड़ी में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या 16 हो गई है। इसी तरह मेचीनगर में 10, बुद्धशांति में 07, अर्जुनधरा में 01, कंकई में 08, कमल में 06, दमक में 07, गौरदह में 01, झापा में 03, बीरतामोड़ में 14, भद्रपुर में 04 और कचनकवल में 02 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
स्वास्थ्य कार्यालय झापा के अनुसार जिले की सभी 15 नगर पालिकाओं को 30-30 कीटों का वितरण किया जा चुका है और निर्देशानुसार नगर पालिका खुद कीट खरीदेगी क्योंकि जरूरत के हिसाब से कीट खरीदने का प्रावधान है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 10 और 12 अक्टूबर को किटें आने की जानकारी मिली है और उनके आने के बाद और भी किटें बांटी जाएगी। वहीं दूसरी ओर जिले की तमाम नगर पालिका लार्वा को नष्ट करने के लिए अभियान तो चला रही है। मगर फिलहाल झापा जिला से सटे भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में भी डेंगू का खतरा मंडराने लगा।
डेंगू बुखार के लक्षण:-
मच्छर की ही देन है डेंगू और इससे प्रभावित रोगी को हर रोज बुखार आता है, काफी सिर दर्द होता है, इसके अलावे आंखों और मांसपेशियों में पीड़ा होती है। रोगी के शरीर पर जगह-जगह लाल चक्कते बनने लगते हैं। यही नहीं रोगी का जी मचलाता है और उल्टियां आती हैं। डेंगू का शिकार होने पर मरीज को चार से सात दिन में तो बुखार, सिर दर्द, जोड़ों और मांस पेशियों में दर्द होता है। धीरे धीरे खुजली और ददोरे हाथ, पैर और चेहरे पर फैल जाते हैं।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
नेपाल से पारगमन संधि होने के कारण प्रत्येक दिन सीमावर्ती क्षेत्रो से सैकड़ों लोगों का आना-जाना होता है। रोटी-बेटी का संबंध होने के कारण रिश्तेदारी और व्यापारिक संबंध भी नेपाल से गहरा है। परन्तु भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र से सटे नेपाल के झापा जिला में डेंगू भयावह रूप घीरे-धीरे ले रही है। प्रत्येक दिन नेपाल के झापा जिला से भारतीय बाजारों में हजारों लोगों का आना जाना है। ऐसे में आए दिन झापा जिला में डेंगू संक्रमण के बढ़ने से भारतीय सीमा के गलगलिया, ठाकुरगंज व आस-पास के सीमावासी सहमे हुए हैं। स्वास्थ्य कार्यालय झापा के डेंगू एवं महामारी फोकल पदाधिकारी वीरेंद्र दास ने बताया कि जिले में कुल 15 नगरपालिकाएं है, जिसमें से 12 नगरपालिकाओं में अब तक 79 लोग डेंगू से संक्रमित हो चुके हैं। जिसमें 45 पुरुष और 34 महिलाएं शामिल हैं। कहा कि पहले जिले की कुछ नगर पालिकाओं में ही डेंगू का संक्रमण देखा गया था। भारतीय सीमा से सटे हल्दीबाड़ी में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या 16 हो गई है। इसी तरह मेचीनगर में 10, बुद्धशांति में 07, अर्जुनधरा में 01, कंकई में 08, कमल में 06, दमक में 07, गौरदह में 01, झापा में 03, बीरतामोड़ में 14, भद्रपुर में 04 और कचनकवल में 02 लोग संक्रमित पाए गए हैं।
स्वास्थ्य कार्यालय झापा के अनुसार जिले की सभी 15 नगर पालिकाओं को 30-30 कीटों का वितरण किया जा चुका है और निर्देशानुसार नगर पालिका खुद कीट खरीदेगी क्योंकि जरूरत के हिसाब से कीट खरीदने का प्रावधान है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 10 और 12 अक्टूबर को किटें आने की जानकारी मिली है और उनके आने के बाद और भी किटें बांटी जाएगी। वहीं दूसरी ओर जिले की तमाम नगर पालिका लार्वा को नष्ट करने के लिए अभियान तो चला रही है। मगर फिलहाल झापा जिला से सटे भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में भी डेंगू का खतरा मंडराने लगा।
डेंगू बुखार के लक्षण:-
मच्छर की ही देन है डेंगू और इससे प्रभावित रोगी को हर रोज बुखार आता है, काफी सिर दर्द होता है, इसके अलावे आंखों और मांसपेशियों में पीड़ा होती है। रोगी के शरीर पर जगह-जगह लाल चक्कते बनने लगते हैं। यही नहीं रोगी का जी मचलाता है और उल्टियां आती हैं। डेंगू का शिकार होने पर मरीज को चार से सात दिन में तो बुखार, सिर दर्द, जोड़ों और मांस पेशियों में दर्द होता है। धीरे धीरे खुजली और ददोरे हाथ, पैर और चेहरे पर फैल जाते हैं।
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