सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
किशनगंज जिले में विधायकों का दलबदल ने पुरानी परंपरा की चर्चा के बीच ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2005 में वह भले ही समाजवादी पार्टी के टिकट पर विजय प्राप्त किए थे। पर विधायक पद पर विजय समाजवादी पार्टी की नहीं बल्कि सुरजापुरी विकास मोर्चा की हुई थी। विधायक निर्वाचित होने के उपरांत उन्होंने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से बिहार में पार्टी को विस्तार करने का कई बार आग्रह किया। खास पहल होता नहीं देख ऐसे में डेढ़ वर्ष बाद ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र हित में उन्होंने सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड ज्वाइन करने का निर्णय लिया। क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें जदयू में देखना चाह रहे थे।
पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल ने कहा कि जहां तक पर्यटन उद्योग समिति के सभापति का सवाल है, वह जदयू ज्वाइन करने के 7 माह पूर्व ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बनाया गया था। जदयू जॉइनिंग के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें मंत्री बनाना चाह रहे थे, लेकिन मेरे पिता वरिष्ठ समाजसेवी ताराचंद धनुका ने सख्त मना कर दिया कि यह इसका विधायक बनने का पहला टर्म है और अभी मंत्री बना दीजिएगा तो कुछ सीख नहीं पाएगा।
बदले में मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जिले के लिए पांच महत्वपूर्ण कामों की मांग की थी जिसमें ठाकुरगंज में राजकीय पॉलिटेक्निक, आईटीआई, पवना पुल, पौआखाली से जियापोखर एवं डे-मार्केट तक सड़क का निर्माण, ठाकुरगंज भातडाला चौक से खारूदह होते हुए भयंकरद्वारी तक सड़क निर्माण के साथ-साथ ठाकुरगंज को अनुमंडल बनाया जाना आदि मुख्य मांगें थे।
जिसमें अनुमंडल को छोड़ सारे कामों को शीघ्र मुख्यमंत्री द्वारा करवाया गया और यह आश्वासन दिया गया कि जब भी प्रदेश में नए अनुमंडलों का सृजन होगा तो ठाकुरगंज को प्राथमिकता के रूप में शामिल कर लिया जाएगा। पूर्व विधायक गोपाल कुमार ने कहा कि क्षेत्र की जनता के लिए काम मांगा और उन्हीं मुद्दे पर मैं जदयू मे शामिल हुआ था।