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उद्धारक की बाट जोह रहा है बैरिया उप स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर बहा रहा है आंसू।

देवाशीष चटर्जी, सारस न्यूज़, टेढ़ागाछ (किशनगंज)।

टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत खनियाबाद पंचायत स्थित बैरिया उप स्वास्थ्य केंद्र जंगल झाड़ में तब्दील अपनी बदहाली खुद बयां कर रहा है। लाखों की लागत से बना स्वास्थ्य केंद्र शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। सरकार इस तरह के भवनों के निर्माण में लाखों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन भवन निर्माण के एवज में भूमि मालिकों को कोई मुआवजा सरकार की तरफ से नहीं मिलता है। और ना हीं लोगों को स्वास्थ्य सेवा हीं उपलब्ध हो पाता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बिहार सरकार बीएडीपी योजना अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र बैरिया में एएनएम के रहने के लिए आवास एवं चाहरदीवारी का निर्माण 18 लाख रुपये की राशि खर्च कर किया गया था। पर आज तक इस भवन में कोई एएनएम या स्टाफ नहीं रहते है।

इस भवन में स्टाफों के नहीं रहने से भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। स्थानीय सुखदेव मंडल ने कहां कि उप स्वास्थ्य केंद्र 1961-62 में स्थापित हुआ था। तत्पश्चात नए भवनों का निर्माण दस वर्ष पूर्व कंपाउंडर एवं एएनएम के रहने के लिए किया गया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी एवं लापरवाही के चलते इस पंचायत की स्वास्थ व्यवस्था दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है। ऐसे में गांव के लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि जब सरकार आवाम को स्वास्थ्य सेवा इन स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं दे सकती है तो फिर क्यों लोगों को गुमराह कर अस्पताल के नाम पर मुफ्त में उनकी निजी भूमि दान में लेकर उसे बर्बाद कर रही है।

टेढ़ागाछ का यह सुदूरवर्ती एवं सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों को आजादी के इतने दशक बाद भी उचित स्वास्थ्य सेवा नसीब नहीं हुआ। उप स्वास्थ्य केंद्र बैरिया से प्रखंड मुख्यालय की दूरी लगभग 14 किलोमीटर एवं जिला मुख्यालय की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है। यहां के लोगों को इलाज के लिए पूर्णिया एवं नेपाल जाना पड़ता है। जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की मांग की है। चिकित्सा प्रभारी टेढ़ागाछ ने बताया कि सभी उपस्वास्थय केन्द्रो को सुचारु रुप संचालित करने के आदेश दिये गये है। जिन केन्द्रो में कमिया है उन कमियों को भरसक दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

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