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दो राज्य व नेपाल देश से जुड़ा हुआ है गलगलिया का छठ पूजा घाट, नेपाल के लिए यह दूसरा स्थान है जहाँ भव्य छठ पूजा मनाया जाता है।

विजय गुप्ता,सारस न्यूज,गलगलिया।

भारत-नेपाल का सीमा क्षेत्र गलगलिया-भद्रपुर के बीच स्थित मेची नदी में बिहार,बंगाल एवं नेपाल के सीमावासी आज शाम पहला अर्घ्य के साथ छठ पर्व मनाएंगे।जिसको लेकर दोनों देश के लोगों की तैयारी अंतिम चरण में है। गलगलिया मेची नदी में होने वाले छठ पूजा का घाट भारत के दो राज्य बंगाल, बिहार एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के झापा जिला से जुड़ा हुआ है जहां दोनों देश के लोग एक ही घाट पर पूजा करते हैं। बताया गया कि जनकपुर के बाद नेपाल के लोगों के लिए यह दूसरा स्थान है जहाँ भव्य तरीके से छठ पूजा होती है। करीब दो किलोमीटर लंबी क्षेत्र में नदी के दोनों तरफ भारत व नेपाल के करीब 05 हजार से ज्यादा घाट बनाकर छठ पर्व मनाई जाती है।

इसकी विशेषता को देखकर दोनों देश के भक्तजनों सहित भद्रपुर मैथिल समाज एवं यूनिक समूह द्वारा सामूहिक रूप से घाट की सफाई के साथ मेची नदी को नई दुल्हन के रूप में सजाई गई है। भातगाँव पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि बृजमोहन सिंह के द्वारा भारत के गलगलिया क्षेत्र में अपने निजी फंड से करीब एक हजार फीट में सैकड़ो लोगों का पंडाल से घाट बनवाया गया है और घाट पर पहुंचने के लिए गलगलिया क्षेत्र के रास्ते में लाइट का बंदोबस्त किया गया है। वहीं नेपाल की ओर भद्रपुर नगरपालिका की सहायता से मैथिल समाज एवं यूनिक समूह द्वारा मेची नदी पर छठ पर्व को भव्यता बनाने हेतु घाट पर बिजली की रोशनी, स्वच्छता, सड़क, पेयजल प्रबंधन, सुरक्षा बिट्स, स्वागत द्वार, हेल्प डेस्क इत्यादि की सुविधाओं से लैस कर छठ पर्व मनाने की तैयारी की गई है। यहां के मेची नदी में मनाए जाने वाले छठ पर्व की नेपाल देश में एक विशिष्ट पहचान है।यह देखने योग्य है कि भारत और नेपाल के करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस नदी पर एक साथ आते हैं।और इस स्थल पर करीब पांच हजार से ज्यादा पूजा स्थल का घाट बनाकर छठ पर्व मनाते हैं।नेपाल में मधेशी समुदाय के अलावे अब पहाड़ी, मारवाड़ी, बंगाली, राजवंसी और अन्य समुदाय के लोग भी मेची नदी में छठ पर्व मना रहे हैं। 

इस तरह है सुरक्षा का योजना

50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ आने का लक्ष्य लेकर मेची नदी के छठ में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए दोनों देश के सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा योजना बना ली गई है। आयोजन समिति,भद्रपुर नगरपालिका, सशस्त्र प्रहरी एवं भारतीय सुरक्षाकर्मी के संयुक्त कार्य द्वारा पर्व के दिन मेची नदी में 250 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी की तैनाती एवं परिचालन होंगी।जिसमें 150 की संख्या में नेपाल की स्थानीय व ट्रैफिक पुलिस तथा 100 के करीब सेना के जवान रहेंगे।साथ ही भारतीय एसएसबी एवं गलगलिया पुलिस भी तैनात रहेगी।झापा जिला प्रशासन के अनुसार छठ घाट पर पूजा के दौरान किसी भी आपराधिक गतिविधि को रोकने के लिए 29 स्थान में नेपाल पुलिस पैदल गस्ती एवं सादा पोशाक में गश्त लगाएगी।

एक लाख लोगों को वितरण होगा निःशुल्क चाय

घाट पर आए हुए लोगों के सेवा सुविधा के लिए नेत्र ज्योति समाज भद्रपुर, मुना चिया एवं युनिक समूह द्वारा घाट के तीन स्थान में स्टॉल लगाकर निःशुल्क  चाय तथा पेयजल वितरण करेगी।सुबह एवं शाम मिलाकर एक लाख के करीब लोगों को चाय पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।नेत्र ज्योति समाज के अध्यक्ष माणिक राय ने कहा कि इस समाज द्वारा प्रत्येक वर्ष निःशुल्क  चाय तथा पेयजल वितरण होता है।मगर पिछले वर्ष से मुना चिया एवं युनिक समूह भी भागीदारी निभा रही है।

छठ पूजा के दौरान पक्की पुल से वाहन होगा बंद

मेची नदी के पक्की पुल के ऊपर चलने वाली दो पहिया तथा चार पहिया वाहन पर शाम 3 बजे से नेपाल प्रशासन द्वारा रोक लगा दी जाएगी।सिर्फ पैदल ही लोग आना जाना करेंगे। इस बार मेची नदी का पक्की पुल में जबरदस्त लाइटिंग हो रही है जो आकर्षण का केंद्र होगा।पुल के ऊपर भी मेले जैसा नजारा होगा। पुलिस इस साल भीड़ को देखते हुए किसी भी वाहन को मेची नदी के तट तक नहीं पहुंचने देगी। केवल उपवास रखने वाले परिवारों द्वारा लाए गए छोटे वाहनों को मेची नदी तट पर जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।पुलिस कार्यालय झापा के पुलिस निरीक्षक ऋषि ढकाल ने बताया कि
सीमा पर मेची नदी की छठ पूजा में हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है, इसलिए कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर सुरक्षा योजना बनाई गई है।

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