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जर्जर अवस्था में है ठाकुरगंज नगर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय भातढाला का भवन, विगत आठ वर्ष से बंद पड़ा है विद्यालय।

सारस न्यूज, किशनगंज।

ठाकुरगंज नगर पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या 6 में अवस्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय भातढाला का भवन काफी जर्जर अवस्था में है। विगत आठ वर्षों से विद्यालय भवन जर्जर हो जाने के कारण स्कूल में पठन पाठन कार्य बंद है। इस विद्यालय में नामांकित व अध्ययनरत बच्चों को वार्ड नंबर पांच शीतला मंदिर के समीप स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय फाराबाड़ी में शिफ्टिंग कर दिया गया। साथ ही विद्यालय के शिक्षक को भी इसी विद्यालय में तैनाती कर दी गई। पर आठ वर्षों से जर्जर हो चुके विद्यालय भवन का अब तक न तो मरम्मत कराई गई और न ही डिस्मेंटल कर नया विद्यालय भवन निर्माण कार्य हेतु कोई पहल की गई। जर्जर हो चुके विद्यालय भवन का जीर्णोद्धार न होने के कारण विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चे लंबी दूरी तय कर अन्य विद्यालय में पढ़ने को विवश हैं। 
हालांकि गत छः जनवरी 2020 को मुख्यमंत्री के भातढाला पोखर आगमन के दरम्यान तत्कालीन डीएम व शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया था कि सीएम के दौरे के बाद जर्जर भवन को डिस्मेंटल कर नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा। पर आलम यह है कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के तीन वर्ष चार माह बीत जाने के बावजूद शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन के द्वारा विद्यालय भवन के निर्माण में कोई ठोस पहल अब तक नहीं किए जाने के कारण स्थिति जस की तस है। वार्ड नं छः के पोषक क्षेत्र अंतर्गत आने वाले भातढाला, गाड़ीवान पट्टी, सागढाला, निटालबस्ती आदि टोलों के कई बच्चों की लिखाई-पढाई में बाधा उत्पन्न हो रही है।
स्थानीय वार्डवासी व अभिभावकों ने शिक्षा विभाग व नगर प्रशासन को कई बार शिकायत पत्र भेजकर विद्यालय का नया भवन बनाने को ले ध्यान आकृष्ट कराया है। शिक्षा विभाग की अनदेखी एवं उदासीन पूर्ण रवैए से लोगों में रोष है।
स्थानीय वार्डवासी शैलेन सिंह, नरेश साह, शम्भू यादव उर्फ मुन्ना, गणेश राय, मदन राय, राजेश साह, रमेश साह, सुबोध यादव, शत्रुध्न ठाकुर, नरेश राय, महेश यादव, गणेश राय, अशोक ठाकुर, विश्वनाथ ठाकुर आदि ने बताया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय भातढाला की स्थापना वर्ष 1974 में की गई थी और 1988 में स्कूल भवन का निर्माण कराया गया था। रखरखाव के अभाव में 35 वर्ष गुजर जाने के बाद क्षतिग्रस्त हुए विद्यालय कक्ष भवन की मरम्मत न होने के कारण भवन असुरक्षित हो गया है। हमलोगों ने शिक्षा विभाग को लिखित रुप से 40 वर्ष पुराने विद्यालय भवन की जर्जर अवस्था से अवगत कराया है पर विभाग इस ओर कोई सुधि नहीं ले रहा है।
इनलोगों ने बताया कि यदि अविलंब भवन की मरम्मत या नया भवन निर्माण हेतु विभाग कोई कदम नहीं उठाता है तो हम सभी डीएम से मिलेंगे व शिक्षा विभाग की उदासीनता व लापरवाही की शिकायत लिखित रुप से करेंगे।
बच्चों की माताओं का कहना हैं कि बच्चों का स्कूल दूर होने के कारण उन्हें अपने घर का कामकाज छोड़कर बच्चों को लेने और छोड़ने जाना पड़ता है। वहीं कई महिलाओं ने बताया कि स्कूल दूर होने के कारण बच्चे भी स्कूल जाना नहीं चाहते हैं। छोटे-छोटे बच्चे हैं, उनकी पढ़ाई होनी चाहिए, लेकिन उनका भविष्य दांव पर लगा है। वह चाहती हैं कि जल्द से जल्द यहां पर स्कूल का निर्माण कराया जाए।
वहीं विद्यालय की प्रधान शिक्षिका रंभा कुमारी बताती हैं कि विद्यालय भवन की छत भीतर से झड़कर गिरने लगी थी। बच्चों के घायल होने के खतरे को देखते हुए बच्चों को वर्ग कक्ष में नहीं बैठाते थे। भवन की दयनीय हालत देखकर स्कूल को विभाग से अनुमति प्राप्त कर कन्या प्राथमिक विद्यालय फाराबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने के लिए शिफ्टिंग किया गया है। यहां भी प्रयाप्त भवन एवं जगह न होने से बच्चों को पढ़ने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बावत प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुनैना कुमारी ने बताया कि भवन की जर्जर अवस्था के संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) एवं वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है। विभागीय आदेशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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