बिहार के सीमांचल जिला किशनगंज में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार झमाझम बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। किशनगंज जिले के 07 प्रखंडों में ठाकुरगंज, पोठिया, किशनगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, कोचाधामन इन प्रखंडों में 2 दिन से हो रहे लगातार मूसलाधार बारिश से लोग परेशान हैं। लोगों के घर में बरसात के पानी घुस जाने से लोग घर छोड़कर बेघर हो चुके हैं।
किशनगंज जिले में बहने वाली कनकई, नदी, महानंदा, मची, रतुआ इत्यादि नदियों के जलस्तर बढ़ने से बरसात का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है।ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में जैसे कि बेसरबाटी, भातगाव, जिरनगच्छ, बरचौन्दी, पथरिया, कनकपुर, सखुआडाली, कुकुरबागी इत्यादि पंचायतों में वर्षात का पानी घुस जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुके हैं। लोग अपने आशियाना को छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए। वही बेसरबाटी पंचायत के मुखिया अनुपमा देवी ने कहा कि अब तक प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कई परिवार अपने घर छोड़कर बेघर हो गए हैं मगर उस परिवार को अब तक सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंचाया गया। किसी भी अधिकारी के द्वारा अब तक स्थल का निरीक्षण भी नहीं किया गया है जो काफी दुख की बात है। वहीं स्थानीय ग्रामीण भी प्रशासन के रवैया से काफी परेशान देखें गए।
शशि कोशी रोक्का/ किशनगंज
बिहार के सीमांचल जिला किशनगंज में लगातार दो दिनों से हो रही मूसलाधार झमाझम बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। किशनगंज जिले के 07 प्रखंडों में ठाकुरगंज, पोठिया, किशनगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, कोचाधामन इन प्रखंडों में 2 दिन से हो रहे लगातार मूसलाधार बारिश से लोग परेशान हैं। लोगों के घर में बरसात के पानी घुस जाने से लोग घर छोड़कर बेघर हो चुके हैं।
किशनगंज जिले में बहने वाली कनकई, नदी, महानंदा, मची, रतुआ इत्यादि नदियों के जलस्तर बढ़ने से बरसात का पानी लोगों के घरों में घुस चुका है।ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में जैसे कि बेसरबाटी, भातगाव, जिरनगच्छ, बरचौन्दी, पथरिया, कनकपुर, सखुआडाली, कुकुरबागी इत्यादि पंचायतों में वर्षात का पानी घुस जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुके हैं। लोग अपने आशियाना को छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने के लिए मजबूर हो गए। वही बेसरबाटी पंचायत के मुखिया अनुपमा देवी ने कहा कि अब तक प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कई परिवार अपने घर छोड़कर बेघर हो गए हैं मगर उस परिवार को अब तक सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंचाया गया। किसी भी अधिकारी के द्वारा अब तक स्थल का निरीक्षण भी नहीं किया गया है जो काफी दुख की बात है। वहीं स्थानीय ग्रामीण भी प्रशासन के रवैया से काफी परेशान देखें गए।
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