ठाकूरगंज प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन (सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट) योजना के द्वितीय चरण में नौ ग्राम पंचायतों में शुरु की जाएगी। इसके लिए उप विकास आयुक्त किशनगंज ने संबंधित ग्राम पंचायत क्रियान्वयन समिति को सूचित करते हुए योजना को अनुपालन करने का आदेश दिया।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए बीडीओ सुमित कुमार ने बताया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के आलोक में सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार अंतर्गत फेज- 2 में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति हेतु प्रखंड के पथरिया, कनकपुर, चुरली, छैतल, दुधौंटी, जिरनगछ, मालीनगांव, डुमरिया एवं बंदरझूला ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है, जिसमें ठोस व गीला कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा। इससे पूर्व प्रखंड में 04 पंचायतों पटेशरी, दल्लेगांव, भातगांव एवं सखुआडाली में उक्त योजना क्रियान्वित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि इन ग्राम पंचायतों को प्रथम चरण में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य का क्रियान्वयन कर प्रत्यक्ष रूप से स्वच्छ बनाए जाने हेतु जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। अब इन पंचायतों में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 में खुले में शौच मुक्ति के स्थायित्व, समुदाय में व्यवहार परिवर्तन, छूटे घरों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के साथ-साथ गांव स्तर तक ठोस व गीला कचरा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जाएगा और इसे क्रियान्वित की जाएगा। उन्होंने बताया कि इन ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु सूचना, शिक्षा एवं संचार के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन, चिन्हित नए परिवारों एवं छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता प्रदान की जाएगी। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा प्रखंड के इन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्ति के स्थायित्व सहित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देने में ठोस व तरल अवशिष्टों का प्रबंधन बेहद जरूरी है। इसे करने के तौर तरीकों पर सभी को गौर करना होगा। इससे प्रखंड के ग्राम पंचायतों में स्वच्छ गांव समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सात निश्चय 2 में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन ग्राम पंचायत में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन) प्लांट की स्थापना कर प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। वार्ड स्तर पर नालों एवं गलियों की सफाई कराई जाएगी। प्रत्येक घर से ठोस कचरे का संग्रहण किया जाएगा तथा उनका उपयोग तकनीक के माध्यम से निस्तारण किया जाएगा। नालों के अंत में निकले हुए गंदे जल का उपयोग तकनीक के माध्यम से ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी। इसके अंतर्गत सात निश्चय के तहत पूर्व से निर्मित हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां एवं हर घर शौचालय आदि की योजनाओं का पूरा रख-रखाव किया जाएगा। ठोस कचरा को दो श्रेणियों सूखा व गीला कचरा में विभाजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान के फेज-वन में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के साथ-साथ सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण हुआ था। दूसरे फेज में भी छूटे हुए परिवारों का सर्वे कर व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण करवाया जाएगा। अब उक्त नौ पंचायतों से संबंधित मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, पंचायत रोजगार सेवक, किसान सलाहकार, कार्यपालक सहायक, प्रखंड समन्वयक, स्वच्छताग्रही आदि को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकूरगंज प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन (सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट) योजना के द्वितीय चरण में नौ ग्राम पंचायतों में शुरु की जाएगी। इसके लिए उप विकास आयुक्त किशनगंज ने संबंधित ग्राम पंचायत क्रियान्वयन समिति को सूचित करते हुए योजना को अनुपालन करने का आदेश दिया।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए बीडीओ सुमित कुमार ने बताया कि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वितीय चरण अंतर्गत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के आलोक में सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार अंतर्गत फेज- 2 में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति हेतु प्रखंड के पथरिया, कनकपुर, चुरली, छैतल, दुधौंटी, जिरनगछ, मालीनगांव, डुमरिया एवं बंदरझूला ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है, जिसमें ठोस व गीला कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा। इससे पूर्व प्रखंड में 04 पंचायतों पटेशरी, दल्लेगांव, भातगांव एवं सखुआडाली में उक्त योजना क्रियान्वित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि इन ग्राम पंचायतों को प्रथम चरण में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य का क्रियान्वयन कर प्रत्यक्ष रूप से स्वच्छ बनाए जाने हेतु जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। अब इन पंचायतों में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान फेज-2 में खुले में शौच मुक्ति के स्थायित्व, समुदाय में व्यवहार परिवर्तन, छूटे घरों में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के साथ-साथ गांव स्तर तक ठोस व गीला कचरा प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जाएगा और इसे क्रियान्वित की जाएगा। उन्होंने बताया कि इन ग्राम पंचायतों द्वारा खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सुनिश्चित करने हेतु सूचना, शिक्षा एवं संचार के माध्यम से समुदायों का व्यवहार परिवर्तन, चिन्हित नए परिवारों एवं छूटे हुए परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय की सुलभता प्रदान की जाएगी। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा प्रखंड के इन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्ति के स्थायित्व सहित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देने में ठोस व तरल अवशिष्टों का प्रबंधन बेहद जरूरी है। इसे करने के तौर तरीकों पर सभी को गौर करना होगा। इससे प्रखंड के ग्राम पंचायतों में स्वच्छ गांव समृद्ध गांव की परिकल्पना को साकार किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सात निश्चय 2 में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन ग्राम पंचायत में सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन) प्लांट की स्थापना कर प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। वार्ड स्तर पर नालों एवं गलियों की सफाई कराई जाएगी। प्रत्येक घर से ठोस कचरे का संग्रहण किया जाएगा तथा उनका उपयोग तकनीक के माध्यम से निस्तारण किया जाएगा। नालों के अंत में निकले हुए गंदे जल का उपयोग तकनीक के माध्यम से ट्रीटमेंट की व्यवस्था की जाएगी। इसके अंतर्गत सात निश्चय के तहत पूर्व से निर्मित हर घर नल का जल, घर तक पक्की गली-नालियां एवं हर घर शौचालय आदि की योजनाओं का पूरा रख-रखाव किया जाएगा। ठोस कचरा को दो श्रेणियों सूखा व गीला कचरा में विभाजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान के फेज-वन में व्यक्तिगत शौचालय निर्माण के साथ-साथ सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण हुआ था। दूसरे फेज में भी छूटे हुए परिवारों का सर्वे कर व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण करवाया जाएगा। अब उक्त नौ पंचायतों से संबंधित मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत सचिव, पंचायत रोजगार सेवक, किसान सलाहकार, कार्यपालक सहायक, प्रखंड समन्वयक, स्वच्छताग्रही आदि को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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