सारस न्यूज, किशनगंज।
सोमवार को ठाकुरगंज प्रखंड के चुरलीहाट स्थित ग्राम पंचायत बेसरबाटी के पंचायत सरकार भवन में 0-18 आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता प्रमाण-पत्र के लिए जाँच-सह-मूल्यांकन के आधार पर दिव्यांगता प्रमाण-पत्र (यूडीआईडी) कार्ड बनाने के लिए जाँच शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में बेसरबाटी, पथरिया, कुकुरबाघी, भातगांव, कनकपुर एवं सखुआडाली ग्राम पंचायत क्षेत्र के 0-18 उम्र के बच्चे शामिल हुए। बिहार शिक्षा परियोजना के तत्वावधान में समग्र शिक्षा के समावेशी शिक्षा प्रभाग अंतर्गत आयोजित उक्त दिव्यांगता प्रमाणीकरण जांच शिविर में कुल 29 दिव्यांग बच्चे चिकित्सीय जांच के लिए शिविर पहुंच कर रजिस्ट्रेशन कराया। जिसमें प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात- 8, गमक अक्षमता- 3, श्रवण बाधित- 3, बौद्धिक अक्षमता- 2, हिमोफिलिया- 1, मानसिक विक्षिप्त- 1, अस्थि- 1 ईएनटी- 6 एवं नेत्र- 1 प्रकार के दिव्यांग बच्चों की जांच की गई। साथ ही 3 विभिन्न प्रकार के दिव्यांग बच्चों का यूडीआईडी कार्ड निर्गत करने के लिए सत्यापन करने की प्रक्रिया भी की गई। जांच दल में डॉ कुमारी संध्या रानी, फार्माशिस्ट नंद लाल शर्मा एवं सहयोगी स्वास्थ्य कर्मी संजीत कुमार आदि शामिल थे।
इस मौके पर बीआरसी ठाकुरगंज के प्रखंड साधन सेवी (समावेशी शिक्षा) संत प्रसाद यादव ने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए एक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र जारी करने के उद्देश्य से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट आईडी बनाई जा रही है। इससे न केवल पारदर्शिता, दक्षता और दिव्यांग व्यक्ति को सरकारी लाभ पहुंचाने में आसानी होगी, बल्कि इससे एकरूपता भी सुनिश्चित होगी। इस परियोजना से कार्यान्वयन के अनुक्रम के सभी स्तरों- ग्राम, प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर लाभार्थी की भौतिक और वित्तीय प्रगति की ट्रैकिंग को सरल और कारगर बनाने में भी मदद मिलेगी।
वहीं शिविर के सफल संचालन में बीआरसी ठाकुरगंज के प्रखंड साधन सेवी (समावेशी शिक्षा) संत प्रसाद यादव, डॉ अरशद नूर, विजेंद्र कुमार पासवान सहित सहायक शिक्षक गौरी शंकर सिंह, शिव चन्द्र कुशवाहा आदि सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन एवं इनके परिजन मौजूद रहे।