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ठाकुरगंज प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय लोधा में प्राकृतिक चिकित्सा परामर्श शिविर आयोजित।


सारस न्यूज, किशनगंज।


गुरुवार को प्रखंड के चुरली पंचायत स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय लोधा में समाधान कायाकल्प केंद्र पिपरीथान के द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा परामर्श शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े चिकित्सको ने अपने विचार साझा किए। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र पुणे, आयुष मंत्रालय (भारत सरकार) के तत्त्वाधान में प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने, के थीम पर प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में स्कूली बच्चों को व्याख्यान दिए गए।
वहीं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ मंडेला सरजू के द्वारा पंच तत्वों के माध्यम से रोगों की चिकित्सा व उपचार की सहज विधि बताई गई। इस क्रम में उन्होंने योग व प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा स्वस्थ बने रहने का सूत्र बताया एवं जीवन शैली में प्राकृतिक  चिकित्सा को अपनाने के लिए विशेष मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा  के अन्तर्गत अनेक पद्धतियां हैं, जैसे- जल  चिकित्सा, होमियोपैथी, सूर्य चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, मृदा चिकित्सा आदि। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा के प्रचलन में विश्व की कई चिकित्सा पद्धतियों का योगदान है। प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है, जिसका लक्ष्य प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्त्वों के उचित इस्तेमाल द्वारा रोग का मूल कारण समाप्त करना है। यह न केवल एक चिकित्सा पद्धति है बल्कि मानव शरीर में उपस्थित आंतरिक महत्त्वपूर्ण शक्तियों या प्राकृतिक तत्त्वों के अनुरूप एक जीवन-शैली है। इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन, विशेषकर ताजे फल तथा कच्ची व हलकी पकी सब्जियाँ विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाती हैं।
वहीं प्राकृतिक चिकित्सक डॉ नीलम सरजू ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिये विशेष रूप से वरदान है। प्राकृतिक चिकित्सा से दबे रोग भी उभर कर ठीक हो जाते है। प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक चारों पक्षों की चिकित्सा एक साथ की जाती है। विशिष्ट अवस्थाओं का इलाज करने के स्थान पर प्राकृतिक चिकित्सा पूरे शरीर की चिकित्सा एक साथ करती है। प्राकृतिक चिकित्सा में औषधियों का प्रयोग नहीं होता। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार आहार ही औषधि है।
वहीं इस कार्यक्रम में विद्यालय के सहायक शिक्षक मोनू सिंह व शिक्षिका पिंकी कुमारी, हेमंती लाहिड़ी, अरुणा कुमारी सहित बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे मौजुद रहे।

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