किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के ग्राम पंचायत खारुदह के गोगरिया गांव में स्थित जामा मस्जिद कनकई नदी में समा गई। इस गांव के समीप मेची नदी और कनकई नदी का संगम स्थल होने के कारण कनकई नदी और आक्रामक हो जाती हैं जिससे इस इलाके में कटाव वर्षों से बदस्तुर जारी है। कटाव इतना खतरनाक रूप से हो रही हैं कि गांव की मस्जिद भी कनकई नदी मे समा गई।
बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूर खारुदह पंचायत में बहने वाली कनकई नदी व मेची नदी के बीच बसे वार्ड नं चार के गोगरिया कॉलोनी गांव के अब तक दो दर्जन घर व करीब 100 एकड़ से भी अधिक कृषि योग्य भूमि कटाव के चपेट में आकर नदी में समा गए हैं। कनकई नदी के कटाव से गोगरिया कॉलोनी गांव का अस्तित्व पूरी तरह खतरे में है। अब भी 25 से 30 घरों पर कटाव की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है। यहां के करीब दर्जनभर परिवार के लोगों को अपने घर व कृषि योग्य भूमि का कटाव होने की चिंता बनी हुई है। स्थानीय मुखिया मो जाकिर आलम लोगों के साथ इस दुःख की घड़ी में खड़े रहकर साथ रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों घर, बाड़ी सब लुट गया है। खारुदह पंचायत के गोगरिया कॉलोनी गांव की स्थिति काफी भयावह होती जा रही हैं। कनकई नदी के कटाव के कारण उक्त गाँव के लोगों के घर व जमीन नदी में समा रही हैं। अभी तक दर्जनों घर व 100 एकड़ से भी अधिक जमीन नदी में समा चुकी हैं और अभी भी नदी का कटाव बदस्तूर जारी है।
वहीं उक्त गांव के प्रभावित ग्रामीण मो खैरुद्दीन, मो सैरुद्दीन, नरोज बेगम, मिन्हाज आलम, सादिक आलम, मो दिलावर आदि ने बताया कि पिछले वर्ष भी हमलोगों के 9 घर कनकई नदी के कटाव से नदी में समा गया था। इस बार उससे और बुरी स्थिति हैं। स्थानीय प्रशासन अभी तक इस प्रभावित क्षेत्र का तो जायजा लेने के लिए पहुंच रहे है पर न कोई राहत न कोई अनुदान। इनलोगों का कहना है कि जिला पदाधिकारी, जल निस्सरण विभाग, विधायक, सांसद सभी लोगों ने हर वर्ष केवल जायजा लेने का काम किया है। किसी ने गोगरिया गांव को बचाने को लिए ठोस और कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। केवल बाढ़ व कटाव के वक्त झूठा दिलासा देकर लौट जाते हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के ग्राम पंचायत खारुदह के गोगरिया गांव में स्थित जामा मस्जिद कनकई नदी में समा गई। इस गांव के समीप मेची नदी और कनकई नदी का संगम स्थल होने के कारण कनकई नदी और आक्रामक हो जाती हैं जिससे इस इलाके में कटाव वर्षों से बदस्तुर जारी है। कटाव इतना खतरनाक रूप से हो रही हैं कि गांव की मस्जिद भी कनकई नदी मे समा गई।
बताते चलें कि प्रखंड मुख्यालय से 30 किमी दूर खारुदह पंचायत में बहने वाली कनकई नदी व मेची नदी के बीच बसे वार्ड नं चार के गोगरिया कॉलोनी गांव के अब तक दो दर्जन घर व करीब 100 एकड़ से भी अधिक कृषि योग्य भूमि कटाव के चपेट में आकर नदी में समा गए हैं। कनकई नदी के कटाव से गोगरिया कॉलोनी गांव का अस्तित्व पूरी तरह खतरे में है। अब भी 25 से 30 घरों पर कटाव की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है। यहां के करीब दर्जनभर परिवार के लोगों को अपने घर व कृषि योग्य भूमि का कटाव होने की चिंता बनी हुई है। स्थानीय मुखिया मो जाकिर आलम लोगों के साथ इस दुःख की घड़ी में खड़े रहकर साथ रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों घर, बाड़ी सब लुट गया है। खारुदह पंचायत के गोगरिया कॉलोनी गांव की स्थिति काफी भयावह होती जा रही हैं। कनकई नदी के कटाव के कारण उक्त गाँव के लोगों के घर व जमीन नदी में समा रही हैं। अभी तक दर्जनों घर व 100 एकड़ से भी अधिक जमीन नदी में समा चुकी हैं और अभी भी नदी का कटाव बदस्तूर जारी है।
वहीं उक्त गांव के प्रभावित ग्रामीण मो खैरुद्दीन, मो सैरुद्दीन, नरोज बेगम, मिन्हाज आलम, सादिक आलम, मो दिलावर आदि ने बताया कि पिछले वर्ष भी हमलोगों के 9 घर कनकई नदी के कटाव से नदी में समा गया था। इस बार उससे और बुरी स्थिति हैं। स्थानीय प्रशासन अभी तक इस प्रभावित क्षेत्र का तो जायजा लेने के लिए पहुंच रहे है पर न कोई राहत न कोई अनुदान। इनलोगों का कहना है कि जिला पदाधिकारी, जल निस्सरण विभाग, विधायक, सांसद सभी लोगों ने हर वर्ष केवल जायजा लेने का काम किया है। किसी ने गोगरिया गांव को बचाने को लिए ठोस और कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। केवल बाढ़ व कटाव के वक्त झूठा दिलासा देकर लौट जाते हैं।
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