भारतीय जनता पार्टी ठाकुरगंज नगर ईकाई द्वारा 48 वर्ष पूर्व देश में लगे आपातकाल पर कार्यकर्ताओं ने काला पट्टा लगाकर विरोध जताया। ठाकुरगंज नगर मंडल के अध्यक्ष अतुल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित उक्त कार्यक्रम में भाजपा अति पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष सह नगर प्रभारी प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का सबसे काला अध्याय का दिन था। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। देश आपातकाल के विरोध में संपूर्ण क्रांति हुई जिसका नेतृत्व लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने किया।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। नगर उपाध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया। आपातकाल के विरोध में उठने वाले आवाज का दमन किया गया। जय प्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस आदि नेताओ के आलावे देश भर के हजारों नेताओं ने आपातकाल का विरोध किया जिन्हे गिरफ्तार किया गया।
मौके पर भाजपा नगर अध्यक्ष अतुल सिंह, भाजपा नेता राजेश करनानी, पूर्व नगर अध्यक्ष अनिल महाराज, अति पिछड़ा मोर्चा के जिला महामंत्री विप्लव कर्मकार, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद अमित सिन्हा, नगर उपाध्यक्ष अजय राय, नगर महामंत्री सह वार्ड पार्षद देवाशीष विश्वास, सन्नी झा, शिवशंकर महतो, युवा मोर्चा नगर महामंत्री अमृत मंडल, रौनक अग्रवाल, शांतनु मंडल, राम साह, ललन साह आदि उपस्थित हुए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
भारतीय जनता पार्टी ठाकुरगंज नगर ईकाई द्वारा 48 वर्ष पूर्व देश में लगे आपातकाल पर कार्यकर्ताओं ने काला पट्टा लगाकर विरोध जताया। ठाकुरगंज नगर मंडल के अध्यक्ष अतुल सिंह की अध्यक्षता में आयोजित उक्त कार्यक्रम में भाजपा अति पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष सह नगर प्रभारी प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र और राजनीति का सबसे काला अध्याय का दिन था। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। देश आपातकाल के विरोध में संपूर्ण क्रांति हुई जिसका नेतृत्व लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने किया।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की अनुच्छेद 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। नगर उपाध्यक्ष अजय राय ने कहा कि आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस पर प्रतिबंधित लगा दिया गया। प्रधानमंत्री के बेटे संजय गांधी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर पुरुष नसबंदी अभियान चलाया गया। आपातकाल के विरोध में उठने वाले आवाज का दमन किया गया। जय प्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस आदि नेताओ के आलावे देश भर के हजारों नेताओं ने आपातकाल का विरोध किया जिन्हे गिरफ्तार किया गया।
मौके पर भाजपा नगर अध्यक्ष अतुल सिंह, भाजपा नेता राजेश करनानी, पूर्व नगर अध्यक्ष अनिल महाराज, अति पिछड़ा मोर्चा के जिला महामंत्री विप्लव कर्मकार, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद अमित सिन्हा, नगर उपाध्यक्ष अजय राय, नगर महामंत्री सह वार्ड पार्षद देवाशीष विश्वास, सन्नी झा, शिवशंकर महतो, युवा मोर्चा नगर महामंत्री अमृत मंडल, रौनक अग्रवाल, शांतनु मंडल, राम साह, ललन साह आदि उपस्थित हुए।
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