आनंद मार्ग प्रचारक संघ, किशनगंज जिला इकाई के तत्वावधान में भातढाला स्थित जिला भुक्ति प्रधान सुमन भारती के आवास पर कीर्तन दिवस मनाया गया। इस दौरान आनंदमार्गियों ने अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र बाबा नाम केवलम संकीर्तन के माध्यम से प्रभु का गुणगान किया।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ, किशनगंज जिला भुक्ति प्रधान सुमन भारती ने कहा कि श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने 8 अक्टूबर 1970 को झारखण्ड के आमझरिया में बाबा नाम केवलम कीर्त्तन को सिद्ध किया था। उन्होंने कहा कि बाबा शब्द का का अर्थ है सबसे अधिक प्रिय, सबसे अधिक अपना। कीर्तन करने से यह साधना सहायकम, अनंददायकम, बाधाविदुरकम, मुक्ति मोक्ष दायकम, भूत प्रेत नाशकम है चूँकि परमपुरुष सबके परम पिता है इसलिए सारी सृष्टि के वे बाबा है। हमें जब जहां मौका मिल गया जब जिस समय में मौका मिल गया, कीर्त्तन करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बाबा नाम केवलम श्री श्री आनदमूर्ति जी द्वारा प्रतिपादित एक सिद्ध महामंत्र है जिसके गायन से वातावरण में धनात्मक परिवेश उत्पन्न होता है और धनात्मक माइक्रोवायटा शब्द तन्मात्रों द्वारा व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और मानसाध्यात्मिक कल्याण की और प्रचेष्ट होते हैं। बाबा श्री श्री आनंदमूर्ति जी महासंभूति के रूप में समाज कल्याण हेतु बाबा नाम केवलम कीर्तन अंतरिक्ष में अपने भक्तों को कीर्तन धुन सुनाया था। कीर्तन करने से सर्वस्व की प्राप्ति होती है एवं शारीरिक, मानसिक के साथ ही आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। मनुष्य को सभी पापों एवं दुखों से छुटकारा मिलता है। इस मौके पर नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्र के आनंदमार्गी मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ, किशनगंज जिला इकाई के तत्वावधान में भातढाला स्थित जिला भुक्ति प्रधान सुमन भारती के आवास पर कीर्तन दिवस मनाया गया। इस दौरान आनंदमार्गियों ने अष्टाक्षरी सिद्ध महामंत्र बाबा नाम केवलम संकीर्तन के माध्यम से प्रभु का गुणगान किया।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ, किशनगंज जिला भुक्ति प्रधान सुमन भारती ने कहा कि श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने 8 अक्टूबर 1970 को झारखण्ड के आमझरिया में बाबा नाम केवलम कीर्त्तन को सिद्ध किया था। उन्होंने कहा कि बाबा शब्द का का अर्थ है सबसे अधिक प्रिय, सबसे अधिक अपना। कीर्तन करने से यह साधना सहायकम, अनंददायकम, बाधाविदुरकम, मुक्ति मोक्ष दायकम, भूत प्रेत नाशकम है चूँकि परमपुरुष सबके परम पिता है इसलिए सारी सृष्टि के वे बाबा है। हमें जब जहां मौका मिल गया जब जिस समय में मौका मिल गया, कीर्त्तन करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बाबा नाम केवलम श्री श्री आनदमूर्ति जी द्वारा प्रतिपादित एक सिद्ध महामंत्र है जिसके गायन से वातावरण में धनात्मक परिवेश उत्पन्न होता है और धनात्मक माइक्रोवायटा शब्द तन्मात्रों द्वारा व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और मानसाध्यात्मिक कल्याण की और प्रचेष्ट होते हैं। बाबा श्री श्री आनंदमूर्ति जी महासंभूति के रूप में समाज कल्याण हेतु बाबा नाम केवलम कीर्तन अंतरिक्ष में अपने भक्तों को कीर्तन धुन सुनाया था। कीर्तन करने से सर्वस्व की प्राप्ति होती है एवं शारीरिक, मानसिक के साथ ही आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। मनुष्य को सभी पापों एवं दुखों से छुटकारा मिलता है। इस मौके पर नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्र के आनंदमार्गी मौजूद थे।
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