सारस न्यूज, किशनगंज।
रविवार को आनंद मार्ग प्रचारक संघ किशनगंज द्वारा नगर ठाकुरगंज के भातढाला स्थित जिला भुक्ति प्रधान सुमन भारती के आवास पर 24 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड संकीर्तन सह आचार्य व संन्यासियों के प्रवचन कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया। रविवार को दो दिवसीय उक्त कार्यक्रम में 24 घंटे का बाबा नाम केवलम अखंड संकीर्तन का समापन के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए आचार्य व संन्यासियों के द्वारा प्रवचन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। अखंड संकीर्तन कार्यक्रम को सफल बनाने में बेगुसराय, पूर्णिया, अररिया, खोरीबाड़ी (दार्जिलिंग), ललीतगछ (उत्तर दिनाजपुर) एवं ठाकुरगंज से आए कीर्तन मंडलियों ने अपना योगदान दिया। कीर्तन के बाद आनंदमार्गियों ने साधना की।
साधना के उपरांत आनंद मार्ग प्रचारक संघ के आचार्य वितमोहानंद अवधूत ने कार्यक्रम में उपस्थित आनंदमार्गियों को संबोधित करते एवं प्रवचन देते हुए कहा कि मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभ है। इस जीवन में अधिक से अधिक समय साधना में लगाना चाहिए। कीर्तन से रोग व पाप का नाश होता है। इसलिए मनुष्य को जब भी मौका मिले तब बाबा नाम केवलम का कीर्तन करना चाहिए। वहीं अररिया से आए आचार्य विशेश्वर ने कीर्तन की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में आध्यात्मिकता के चरम उत्कर्ष की प्राप्ति में कीर्तन का महत्व सर्वोपरि है। जहां भजन जो कि अनेक भावों का समाहार होता है, मन को बाहरी जगत से खींचकर अंतर्मुखी बनाने में सहायक होता है। वहीं कीर्तन का एक ही भाव है कि हे परमात्मा तू ही जीवन का सार है। कीर्तन का अनवरत जप मन को अतिसुंदरम कर परम चैतन्य के साथ एकीकार कर देता है। इसी को योग कहते हैं अर्थात योग जीवात्मा एवं परमात्मा का मिलन है। उन्होंने कहा कि ध्यान में जहां साधक मन को एकाग्र कर ईश्वर की ओर गति करता है वहीं कीर्तन करने से परमात्मा स्वयं साधक की ओर खींचे चले आते है। कीर्तन जिसमें पूर्ण आत्मसमर्पण का भाव होता है, उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य कर देता है। उन्होंने भक्तों से आहवान किया कि वे बाबानाम केवलम का जप करें, विपदा दूर होगी। बाबा नाम संकीर्तन में शामिल हों, कल्याण होगा।
वहीं इस अवसर पर सुमन भारती, नीलेश भारती, मधुमय भारती, अजय कुमार सिंह, चयन कुमार, राजीव रंजन, प्रकाश मंडल, कृष्ण प्रसाद सिंह, प्रकाश मंडल, नीरज यादव, विद्यानन्द यादव, कुंदन गुप्ता, पुष्पा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, मंगला देवी, सरस्वती देवी, अमोद साह आदि सहित जिला के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा सिलीगुड़ी, अररिया, पूर्णिया, इस्लामपुर, बेगूसराय से आए बड़ी संख्या में आनंदमार्गी मौजूद थे।