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ठाकुरगंज में कायस्थ समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ की गई भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना।

सारस न्यूज, किशनगंज।

नगर पंचायत ठाकुरगंज सहित प्रखंड क्षेत्र में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को कायस्थ समाज के लोगों ने भगवान चित्रगुप्त की स्तुति कर कलम दवात की पूजा की। गुरुवार को कायस्थ समाज ने हर्षोल्लास के साथ विधिवत रुप से भगवान चित्रगुप्त की तैलीय चित्र अथवा मूर्ति स्थापित कर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर सुबह से ही कायस्थ समाज के लोग भक्ति में लीन दिखे। इस क्रम में कायस्थ समाज ने कलम-दवात व पुस्तक का पूजन किया। भगवान चित्रगुप्त को गुड़, अदरक, मध, घी, दूध, दही एवं गंगाजल का मिश्रित प्रसाद भोग के रूप में चढ़ाया गया। भगवान चित्रगुप्त की पूजा एवं आरती के बाद मिश्रित प्रसाद का वितरण किया।

पूजा आयोजन के संबंध में परमानन्द प्रसाद कर्ण बताते हैं कि मान्यताओं के अनुसार इस दिन यमलोक में मृत्युलोक वासियों का लेखा जोखा रखने वाले कलम-दवात के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की  पूजा अर्चना करने की परंपरा है। भगवान ब्रह्मा के काया से चित्रगुप्त की उत्पत्ति हुई थी। ब्रह्मा द्वारा ही चित्रगुप्त का कायस्थ नामकरण किया गया। मान्यताओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त को ब्रह्मा जी ने उनका निवास धर्मराज की यमपुरी में धर्मविचार के लिए किया था। बाद में भगवान चित्रगुप्त ने माया प्रकृति, रूप व चण्ड का नाश करने वाली समस्त सिद्धियों को देने वाली देवी का पूजन कर स्वर्गलोक में स्थान पाया। जहां धर्मराज के अधिकार पर अवस्थित हुए जो चौदह यमराजों में से एक हैं। मान्यताएं यह भी हैं कि चित्रगुप्त मृत्युलोक में रहने वाले सभी जीवधारियों के कर्मों का लेखा जोखा रखते हैं जिसके आधार पर जीवों को शुभ-अशुभ कर्मों का फल भोगना होता है। हालांकि, बदलाव के इस दौर में भी मृत्युलोक वासियों का लेखा-जोखा रखने वाले कलम-दवात के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा उसी आस्था और विश्वास के साथ की जाती है, जिस आस्था के साथ इसे कलम-दवात के जमाने में की जाती थी। खास बात यह कि इस दिन वे कलम को लेखनी के लिए स्पर्श तक नहीं करते हैं और कायस्थ समाज के लोगों ने पूजा अर्चना के पश्चात कलम नहीं छूने की परंपरा को निभाया। माना जाता  है कि कायस्थ समाज भगवान चित्रगुप्त के वंशज है। भगवान चित्रगुप्ता का पूजन शिक्षा, ज्ञान व संस्कार से सदा जुड़े रहने की ऊर्जा देता है। 

इस अवसर पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा में विजय कुमार सिन्हा, निखिल कुमार वर्मा, परमानन्द प्रसाद कर्ण, राजीव कुमार सिन्हा, प्रेम वर्मा, पवन कुमार वर्मा उर्फ सोनी, अमित कुमार सिंहा, सजन कुमार, श्यामा सिन्हा, प्रवेश वर्मा, मुकेश सिन्हा आदि कायस्थ परिवार के लोग शामिल हुए।

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