सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में शनिवार की सुबह करीब आठ बजे तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश के कारण केले की फसल को व्यापक क्षति पहुंची है। फल समेत पेड़ों के क्षतिग्रस्त होने से बड़े पैमाने पर किसानों को आर्थिक नुकसान की आशंका है। मुश्किल में फंसे किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। प्रखंड के कनकपुर, सखुआडाली, पटेशरी, दल्लेगांव, तातपौवा, बरचौंदी आदि पंचायत क्षेत्र में तेज हवा और बारिश से खेतों में तैयार केले की फसल को व्यापक क्षति हुई है। कई फल से लदे पौधे गिर गए, वहीं तना समेत पेड़ उखड़ गए। किसानों के अनुसार इन क्षेत्रों में करीब 100 एकड़ जमीन में लगी केले की फसल को नुकसान पहुंचा है। किसानों ने बताया कि कई लोगों ने व्यापारियों को केले काटने के लिए बुला लिया था। इससे पहले ही मौसम की मार उन्हें झेलनी पड़ी है।
90 फीसदी से अधिक केले के पौधे क्षतिग्रस्त हुए कनकपुर पंचायत के जालमिलिक गांव के किसान मो शोएब आलम, मो मकसूद आलम, मो मोहसीन, जियारूल हक, अनवर अली, मो आजाद, मो शाहिद अनवर, अकरम रेजा, जुलफककर, असबारुल, अली मोहम्मद, नसीम अख्तर, नूर मोहम्मद, मो मुबस्सिर, सखुआडाली के मो शाहिद आलम, मो मंसूर आलम, पटेसरी पंचायत के अब्दुल मजीद ने बताया कि वे लोग करीब 50 बीघे जमीन में केले की खेती की थी। फसल तैयार थी, लेकिन इसी बीच मौसम बदलने से तेज बारिश ने उनकी मंसूबों पर पानी फेर दिया। तेज हवा के कारण 90 फीसदी से अधिक केले के पौधे धराशायी हो गए। इस बार उन्हें केले की अच्छी आमदनी मिलने की आशा थी, जिस पर पूरी तरह से पानी फिर गया। उन्होंने कहा कि किसानों की आस सरकार पर टिकी है, मुआवजा मिलने पर किसानों की हालत फिर से संभल सकती है।
दल्लेगांव के मुखिया प्रतिनिधि गुलाम हसनैन ने बताया कि पिछले लंबे समय से प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को व्यापक नुकसान झेलना पड़ रहा है। पिछले साल भी भारी बारिश के कारण फसल को व्यापक क्षति पहुंची थी। बाद में ठंड के मौसम में बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी थी। इस बार अच्छी फसल की उम्मीद पर तूफान और बारिश ने पानी फेर दिया है।