मंगलवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार प्रखंड संसाधन केंद्र, ठाकुरगंज द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र एवं यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड (यूडीआईडी) बनाने हेतु निःशक्त बच्चों का मूल्यांकन शिविर आयोजित किए गए। सर्वप्रथम शिविर का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ अखलाकुर्रहमान, डॉ जावेद आलम शेख एवं पुनर्वास विशेषज्ञ डॉ अरशद नूर के द्वारा में शिविर में आने वाले दिव्यांग बच्चों की जांच की गई।
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुनैना कुमारी ने बताया कि भारी वर्षा के कारण बीआरसी में आयोजित शिविर को ठाकुरगंज उच्च विद्यालय में दिव्यांगता जांच शिविर आयोजित किए गए जिसमें प्रखंड के विभिन्न क्षेत्र से आए 60 दिव्यांग बच्चों का जांच किया गया। बिहार शिक्षा परियोजना के समावेशी शिक्षा संभाग अंतर्गत दिव्यांग प्रमाण पत्र एवं यूडीआईडी कार्ड हेतु वर्ग एक से बारहवीं वर्ग के निःशक्त बच्चों के लिए मूल्यांकन शिविर आयोजित किए गए थे। उन्होंने कहा कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार शिविर में 6 से 18 वर्ष उम्र के बच्चे को बुलाया गया था जिनका अब तक दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बना है या नवीकरण की आवश्यकता है। जिन दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र है। उसे शिविर में जाने की जरूरत नहीं है। शिविर स्थल पर सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क और फर्स्ट एड की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर की गई थी। इसके लिए पारा मेडिकल स्टाफ को आवश्यक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्त किए गए थे। कुछ आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों का भी प्रमाण पत्र और यूडीआइडी बनाने को प्राथमिकता दी गई है। बौद्धिक अक्षमता, विशिष्ट अधिगम, दिव्यांगता एवं आटिज्म संबंधित प्रमाण पत्र और यूडीआइडी बनाने का विशेष ध्यान रखा गया था।
इस दौरान बीआरपी एजाज अनवर, संत प्रसाद यादव, बिजेंदर पासवान, सत्य नारायण सिंह, संजय पाल, हीरा घोष सहित विद्यालय के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार मिश्रा, जिलानी अख्तर, चंद्रभूषण झा आदि कई दिव्यांग बच्चे और अभिभावक मौजूद रहे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार प्रखंड संसाधन केंद्र, ठाकुरगंज द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र एवं यूनिक डिसेबिलिटी आइडेंटी कार्ड (यूडीआईडी) बनाने हेतु निःशक्त बच्चों का मूल्यांकन शिविर आयोजित किए गए। सर्वप्रथम शिविर का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ अखलाकुर्रहमान, डॉ जावेद आलम शेख एवं पुनर्वास विशेषज्ञ डॉ अरशद नूर के द्वारा में शिविर में आने वाले दिव्यांग बच्चों की जांच की गई।
इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुनैना कुमारी ने बताया कि भारी वर्षा के कारण बीआरसी में आयोजित शिविर को ठाकुरगंज उच्च विद्यालय में दिव्यांगता जांच शिविर आयोजित किए गए जिसमें प्रखंड के विभिन्न क्षेत्र से आए 60 दिव्यांग बच्चों का जांच किया गया। बिहार शिक्षा परियोजना के समावेशी शिक्षा संभाग अंतर्गत दिव्यांग प्रमाण पत्र एवं यूडीआईडी कार्ड हेतु वर्ग एक से बारहवीं वर्ग के निःशक्त बच्चों के लिए मूल्यांकन शिविर आयोजित किए गए थे। उन्होंने कहा कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निर्देशानुसार शिविर में 6 से 18 वर्ष उम्र के बच्चे को बुलाया गया था जिनका अब तक दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बना है या नवीकरण की आवश्यकता है। जिन दिव्यांग बच्चों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र है। उसे शिविर में जाने की जरूरत नहीं है। शिविर स्थल पर सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क और फर्स्ट एड की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर की गई थी। इसके लिए पारा मेडिकल स्टाफ को आवश्यक दवाओं के साथ प्रतिनियुक्त किए गए थे। कुछ आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों का भी प्रमाण पत्र और यूडीआइडी बनाने को प्राथमिकता दी गई है। बौद्धिक अक्षमता, विशिष्ट अधिगम, दिव्यांगता एवं आटिज्म संबंधित प्रमाण पत्र और यूडीआइडी बनाने का विशेष ध्यान रखा गया था।
इस दौरान बीआरपी एजाज अनवर, संत प्रसाद यादव, बिजेंदर पासवान, सत्य नारायण सिंह, संजय पाल, हीरा घोष सहित विद्यालय के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार मिश्रा, जिलानी अख्तर, चंद्रभूषण झा आदि कई दिव्यांग बच्चे और अभिभावक मौजूद रहे।
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