बिहार सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना के प्रति आमलोगों को जागरूक करने के लिए शनिवार को नगर पंचायत कार्यालय द्वारा जागरुकता रैली निकाली गई। नपं ठाकुरगंज के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार पासवान ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की विभिन्न एसएचजी की सदस्यों को हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया। प्लास्टिक के उपयोग से जमीन और मानव शरीर पर होनेवाले खतरे के संबंधित नारा लिखे तख्ती के साथ एसएचजी के सदस्यों ने जुलूस की शक्ल में घूमकर लोगों को जागरूक किया।
कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार पासवान ने बताया कि थर्माेाकोल एवं सिगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें आसानी से समाप्त नहीं होती है। यह मिट्टी को प्रदूषित कर देती है, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने से फसलों के उत्पादन भी कम हो जाती है। कहा कि इन कचरों को जहां- तहां फेंके जाने से मवेशी इसे खा लेते है जिससे इन मवेशियों के जीवन पर संकट आ जाता है। इन कचरों को जलाने से विषाक्त गैस निकलती है, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या पैदा होती है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक व थर्माेकोल का कचरा वायु, जल एवं मिट्टी प्रदूषण के लिए पूरी तरह जिम्मेवार है। इस लिहाज से बिहार सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। आगामी 30 जून के बाद 01 जुलाई की मध्य रात्रि से राज्य में इसका प्रयोग पूरी तरह दंडात्मक होगा। उन्होंने आमलोगों से प्लास्टिक व थर्मोकोल का प्रयोग नहीं किए जाने का आग्रह किया।
इस जागरुकता रैली को सफल बनाने में सामुदायिक संगठक शाहबाज आलम, सिटी मिशन प्रबंधक सत्यानंद सिंह आदि सहित विभिन्न एसएचजी समूह के महिला सदस्य शामिल हुए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना के प्रति आमलोगों को जागरूक करने के लिए शनिवार को नगर पंचायत कार्यालय द्वारा जागरुकता रैली निकाली गई। नपं ठाकुरगंज के कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार पासवान ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की विभिन्न एसएचजी की सदस्यों को हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना किया। प्लास्टिक के उपयोग से जमीन और मानव शरीर पर होनेवाले खतरे के संबंधित नारा लिखे तख्ती के साथ एसएचजी के सदस्यों ने जुलूस की शक्ल में घूमकर लोगों को जागरूक किया।
कार्यपालक पदाधिकारी राजेश कुमार पासवान ने बताया कि थर्माेाकोल एवं सिगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें आसानी से समाप्त नहीं होती है। यह मिट्टी को प्रदूषित कर देती है, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होने से फसलों के उत्पादन भी कम हो जाती है। कहा कि इन कचरों को जहां- तहां फेंके जाने से मवेशी इसे खा लेते है जिससे इन मवेशियों के जीवन पर संकट आ जाता है। इन कचरों को जलाने से विषाक्त गैस निकलती है, जिससे वायु प्रदूषण की समस्या पैदा होती है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक व थर्माेकोल का कचरा वायु, जल एवं मिट्टी प्रदूषण के लिए पूरी तरह जिम्मेवार है। इस लिहाज से बिहार सरकार ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। आगामी 30 जून के बाद 01 जुलाई की मध्य रात्रि से राज्य में इसका प्रयोग पूरी तरह दंडात्मक होगा। उन्होंने आमलोगों से प्लास्टिक व थर्मोकोल का प्रयोग नहीं किए जाने का आग्रह किया।
इस जागरुकता रैली को सफल बनाने में सामुदायिक संगठक शाहबाज आलम, सिटी मिशन प्रबंधक सत्यानंद सिंह आदि सहित विभिन्न एसएचजी समूह के महिला सदस्य शामिल हुए।
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