सारस न्यूज, किशनगंज।
चाय, अनानास, तेजपत्ता आदि के आलावा ड्रेगन फ्रूट उत्पादन में अपनी पहचान बना रहे ठाकुरगंज में किसानों की मेहनत को देखने अब प्रदेश के दुसरे जिले के किसान और अधिकारी ठाकुरगंज पहुँच रहे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को आत्मा योजनांतर्गत राज्य के अंदर कृषक भ्रमण कार्यक्रम के तहत मधेपुरा के किसान जिले के ठाकुरगंज पहुंचे और पुरे सूबे में अपनी अलग पहचान बना रहे ड्रेगन फ्रूट की खेती को देखा।
ठाकुरगंज में नागराज नखत के द्वारा की जा रही ड्रेगन फ्रूट की खेती देख कर कृषि के जानकार अत्यधिक प्रभावित हुए। इस दौरान कृषि वैज्ञानिक डॉ. हेमंत कुमार भी मौजूद थे। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने ड्रेगन फ्रूट की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी ली और अपने अपने इलाके में इसकी खेती हो सकती है की नहीं, इसकी संभावना तलाशी।इस दौरान कृषि वैज्ञानिक हेमंत कुमार ने बताया कि अधिकांश सीमान्त और छोटे किसान पारम्परिक तरीके से खेती करते रहते हैं जिस कारण खेती की लागत निकाल पाना भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा खेती को मजबूत करने व किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने की दिशा में सरकार ने हाल ही में कई कदम उठाये है। जिससे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो। कृषि जोखिम में कमी हो। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े। कृषि क्षेत्र का निर्यात बढ़े। ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो। इसके अलावा कृषि का बुनियादी ढाँचा विकसित हो। इसी को लेकर अलग अलग राज्यों का दल ऐसे कृषि उत्पादों का निरिक्षण कर रहा है जिससे उनके इलाके के किसान भी खुशहाल हो सके। उन्होंने कहा कि ठाकुरगंज में ड्रेगन फ्रूट की हो रही खेती से आने वाले समय में जिले में कृषि क्रांति के संकेत माने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि के मामले में वे ही किसान सफल हो सकते है जो प्रयोगों में विश्वास करते है। इस दौरान मधेपुरा जिले से आए किसानों ने खेती में पड़ने वाली लागत एवं बाजार मूल्य की जानकारी ली। साथ ही इसके खेती के तरीके को भी जाना।