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डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में नमामि गंगे अंतर्गत जिला गंगा समिति की आहुत की गई बैठक।


सारस न्यूज, किशनगंज।


गुरुवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला पदाधिकारी, किशनगंज श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में नमामि गंगे अंतर्गत जिला गंगा समिति की बैठक की संपन्न हुई। उक्त बैठक में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा की सहायक नदियों को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के निमित्त बैठक में उपस्थित सभी संबंधित पदाधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गए।


नमामि गंगे अंतर्गत जिला गंगा समिति की बैठक में उपस्थिति संबंधित पदाधिकारियों को अवगत कराया गया कि गंगा और उसकी सहायक नदियों का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है, बल्कि हमारे देश की अधिसंख्य आबादी अंशतः या पूर्णतः इन सब नदी पर निर्भर है। वर्तमान समय में गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को समाप्त करने तथा नदी को पुनर्जीवित करने के लिए नमामि गंगे एक महत्वाकांक्षी योजना है।


जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने बैठक में किशनगंज में प्रवाहित रमजान नदी की सफाई और अतिक्रमण मुक्त करने पर कार्ययोजना के बारे में पूछा। रमजान नदी के काया कल्प को लेकर डीएम चिंतित दिखे और निर्देश दिया कि आगामी बैठको में अनुमंडलाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अंचलाधिकारी को भी आमंत्रित करें ताकि रमजान नदी पर विमर्श कर कार्ययोजना को कार्यान्वित करवाया जा सके।


बैठक में पूर्व की बैठक में दिए गए निर्देश का अनुपालन की समीक्षा की गई। डीएम ने कहा कि महानंदा, डोंक आदि सहायक नदियों में ग्रामीणों के फेके गए कचरा से सहायक नदियों में कचरा समाहित होकर गंगा नदी को प्रदूषित करते हैं। इससे जलीय जीवों एवं हमारे रोजमर्रा के जिंदगी में प्रतिकूल असर पड़ता है अथवा भू -गर्भ में समाहित होकर हमारे जल स्तर को प्रदूषित कर देते है। पथ निर्माण विभाग,पुल निर्माण निगम को जन जागरूकता हेतु निर्देशित किया गया।


नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के बिंदु पर चर्चा के क्रम में जिला पदाधिकारी के द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की नालियों से आते मैले पदार्थ (ठोस- तरल) और शौचालय के निर्माण के समय जल प्रदूषण नहीं हो इस बात पर ध्यान रखने को कहा गया।
बैठक में आमजनों एवं नदियों के बीच बेहतर संबंध के लिए घाटों की सुव्यवस्थित ढंग से मरम्मति कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने पर बल दिया गया।


बैठक में सभी पदाधिकारियों को आस – पड़ोस के वातावरण को दृष्टिगत रखते हुए सतत विकास की ओर आगे बढ़ने का सुझाव भी दिया गया। स्थानीय स्तर पर नदी – नाला में कचरा नहीं डालने के लिए लोगो को प्रेरित करने का निर्देश दिया गया तथा यह भी अवगत कराया गया कि नमामि गंगे योजना जल प्रदूषण को नियंत्रित करने का उचित माध्यम है।


बुडको के पदाधिकारियों से प्रस्तावित एक विद्युत शवदाह गृह, दो लकड़ी शव दाह गृह के निर्माण की अद्यतन स्थिति पर पूछताछ किया गया। कार्य प्रक्रियाधीन है। नदी किनारे खनन और घाट पर वृक्षारोपण पर विमर्श किए गए।


इस बैठक में जिला गंगा समिति के संयोजक वन प्रमंडल पदाधिकारी,अररिया, डीडीसी मनन राम एवम समिति के अन्य सदस्य तथा संबद्ध विभागो के कार्यपालक अभियंता व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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