दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से जिले में आज से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसकी शत प्रतिशत सफ़लता को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां की जा चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 महामारी के सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि कोरोना संक्रमण वायरस से अपने एवं नौनिहालों का बचाव किया जा सके। ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाएगा। हालांकि दस्त बंद हो जाने के बावजूद जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाए।
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि सघन दस्त पखवाड़ा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे और अभियान की सतत निगरानी एवं अनुश्रवण करने के लिए वरीय अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इस पखवाड़े के दौरान कुछ विशेष क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। वहीं सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि सघन दस्त पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण करेंगी।
आशा कार्यकर्ता क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीके की जानकारी भी देंगी। ताकि इस बीमारी से प्रत्येक परिवार को बचाया जा सके। कोविड-19 महामारी को देखते हुए आशा नान कंटेनमेंट जोन के घरों में ओआरएस का वितरण करेंगी। कंटेनमेंट जोन में ओआरएस का वितरण के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से जिले में आज से 30 जुलाई तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसकी शत प्रतिशत सफ़लता को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां की जा चुकी है। सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 महामारी के सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। ताकि कोरोना संक्रमण वायरस से अपने एवं नौनिहालों का बचाव किया जा सके। ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाएगा। हालांकि दस्त बंद हो जाने के बावजूद जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाए।
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि सघन दस्त पखवाड़ा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूरे और अभियान की सतत निगरानी एवं अनुश्रवण करने के लिए वरीय अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इस पखवाड़े के दौरान कुछ विशेष क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। वहीं सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि सघन दस्त पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण करेंगी।
आशा कार्यकर्ता क्षेत्र भ्रमण के दौरान परिवार के सदस्यों के समक्ष ओआरएस घोल बनाना एवं इसके उपयोग की विधि, इससे होने वाले लाभ को बताना, साफ-सफाई, हाथ धोने के तरीके की जानकारी भी देंगी। ताकि इस बीमारी से प्रत्येक परिवार को बचाया जा सके। कोविड-19 महामारी को देखते हुए आशा नान कंटेनमेंट जोन के घरों में ओआरएस का वितरण करेंगी। कंटेनमेंट जोन में ओआरएस का वितरण के लिए प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा।
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