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दो देशों के छठव्रती एक ही नदी घाट में मनाते हैं लोक आस्था का महापर्व छठ, भारत के किशनगंज तथा नेपाल के झापा जिले के नागरिक मेची नदी छठ घाट में जुटते हैं हज़ारों श्रद्धालु।

सारस न्यूज, किशनगंज।

सूर्योपासना के महापर्व छठ को मनाने के लिए श्रद्धालु तैयारियों में जुट गए हैं। शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय पर्व की शुरुआत हो गई है। लोक आस्था एवं पवित्रता के इस महापर्व में कई दशकों से भारत व नेपाल दोनों देशों के छठव्रती भी इंडो-नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी घाट पर छठ मनाने की तैयारी में जुट गए हैं। कहा जाता है कि भारत और नेपाल में बेटी और रोटी का संबंध है। इस बात को चरितार्थ करते हुए सदियों से भारत और नेपाल के लोग सीमा पर बहने वाली मेची नदी पर एक साथ छठ पूजा करते आ रहे हैं। दोनों देशों के लोग आस्था के इस पर्व की तैयारी मिलकर करते हैं। नदी के दोनों किनारे दोनों देशों के नागरिक डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। मेची नदी के पूर्वी तट पर भारत के लोग तो पश्चिमी तट पर नेपाल। बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड तथा नेपाल की झापा जिले के क्षेत्र से सटी मेची नदी भारत और नेपाल का सीमांकन ही नहीं करती, बल्कि दोनों देशों की मित्रता और रिश्तेदारी की झलक भी दिखाती है।

दोनों देश के सीमावर्ती गांव के सैकड़ों लोग करते हैं छठपूजा:-

भारत के बिहार राज्य के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के दर्जनों गांव जिलेबियामोर, भातगांव गलगलिया, नेमुगुड़ी, कुर्लीकोट, झाला, तबलभिट्टा, लोधाबाड़ी, भैंसलोटी, नावडूबा, धोबीभिट्टा, पाठामारी, कादोगांव आदि तथा नेपाल देश के झापा जिला के भद्रपुर, चंद्रगुड़ी, बनियानी, घोरामारा, पाठामारी आदि गांव के छठव्रती एक ही नदी घाट मेची नदी में सूर्य की आराधना करते हैं। छठव्रती मेची नदी घाट के पश्चिमी तट पर नेपालवासी तो पूर्वी तट पर भारतवासी  छठ पर्व मनाते है। दोनों देश के छठव्रतियों का एक साथ छठ मनाने का वह दृश्य व नजारा देखने लायक होता है। दोनों देश के लोग सरहद की सारी सीमाएं तोड़ एक साथ मिलकर अस्ताचल व उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देते हैं।

नेपालवासी भारत के बाजारों में करते है छठपूजन सामाग्री की खरीददारी:-

नेपाल के छठव्रती भारत देश के ठाकुरगंज, गलगलिया, कादोगांव आदि सीमावर्ती बाजारों में छठ पूजन सामग्रियों की खरीददारी करते हैं। वस्त्र, फल, सूप, दउरा, डगरा, नारियल आदि पूजन सामग्री की खरीददारी करते हैं। भारत में पूजन सामाग्री खरीदने के संबंध में नेपाली छठव्रती बताती हैं कि नेपाल में सामानों के दाम अधिक है। पूजन सामग्री की महंगाई को देख पूजा के सामान की ठाकुरगंज, गलगलिया, कादोगांव आदि के बाजार से खरीदारी करते हैं। जिससे भारतीय बाजार में नेपाल की छठव्रतियों की भी काफी भीड़ देखी जाती है। हालांकि यहां भी महंगाई की मार लोग झेल रहे हैं पर यह महंगाई लोगों की आस्था को डिगाने में सफल नहीं दिख रही। पूजा सामग्रियों व फलों की आसमान छूती कीमतों की परवाह किए बगैर लोग जमकर खरीदारी करते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी दूसरों से सहयोग लेकर इस व्रत को कर सूर्य की उपासना करते हैं।

नेपाल के मूल निवासी की भी बढ़ती जा रही है छठ  पर्व के प्रति आस्था:-

भारत से सटे नेपाल के सीमावर्ती जिला झापा में बिहार व बंगाल के रहने वाले के साथ-साथ नेपाल के मूल निवासी की भी छठ पर्व के प्रति आस्था बढ़ती जा रही है। नेपाल के भद्रपुर, चंद्रगुड़ी, घोड़ामारा, कांकड़भिट्टा, विरतामोर, धुलाबाड़ी आदि शहरों में भारी संख्या में बिहार और पश्चिम बंगाल के लोग रहते हैं। इन्हें प्रत्येक वर्ष छठ पर्व मनाने की विधि विधान तथा सूर्य देवता की उपासना को देख नेपाली मूल के लोगों में भी धीरे-धीरे आस्था बढ़ने लगी है और हर साल छठ पर्व में सूर्य देवता की उपासना को देखकर नेपाली मूल के लोगों में भी छठ करने की लालसा जगी है।

दोनों देश के प्रशासनिक संस्थानों द्वारा की जाती हैं समुचित व्यवस्था:-

भारत और नेपाल के छठ व्रती अर्घ्य देने के लिए 3 किमी की लंबाई में दो तरफ क्षेत्रफल में सजावट करते हैं। इस सजावट और छठ पूजा को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां जुटते हैं एवं छठ पर्व को देखने व मन्नत मांगने मेची नदी के घाट पर आते हैं। इस वक्त दोनों देश भारत व नेपाल वासियों में काफी उत्साह व उमंग के साथ छठ पर्व को मानने को खुशी साफ देखी जा सकती है। भद्रपुर (नेपाल) के छठ पूजा कमिटि व भद्रपुर नगरपालिका के प्रयासों से सारी रात मेची नदी के घाट पर भजन संध्या सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ लाइटिंग, मुफ़्त चिकित्सा शिविर, चाय, गर्म पानी व सर्बत के स्टॉल तथा माईकिंग की समुचित व्यवस्था की जाती है। दोनों ही देश के सीमावासी नदी के दोनों पार जाकर छठ पूजा का आनंद उठा सके, इसके लिए भद्रपुर नगरपालिका चचरी पुल का निर्माण करती है। 

सीमा पर तैनात दोनों देश के जवान करती है श्रद्धालुओं की सुरक्षा:-

मेची नदी घाट पर छठ पर्व के दौरान काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। असामाजिक तत्वों से भारी भीड़ की सुरक्षा के लिए भारत के एसएसबी के जवान व बिहार पुलिस प्रशासन एवं नेपाल के सशस्त्र प्रहरी व पुलिस चप्पे-चप्पे पर गश्त लगाते देखे जाते हैं। इस दरम्यान एसएसबी द्वारा स्वान दस्ता का भी सहारा लिया जाता है ताकि भारत-नेपाल के असामाजिक व विरोधी तत्वों तथा तस्करों द्वारा की जानेवाली गलत गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए उसे नाकाम किया जा सके तो नेपाल की एसटीएफ व नेपाल पुलिस भी छठव्रतियों की सुरक्षा में पूरी तरह मुस्तैद रहती हैं।

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