विजय गुप्ता,सारस न्यूज, गलगलिया।
पश्चिम बंगाल, सिक्किम से लेकर बिहार के कई जिलों में एसिड फ्लाई संक्रमितों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सिक्किम के एक इंजीनियरिग कालेज में सौ से अधिक छात्रों में हाल ही में सामने आए संक्रमण के बाद अब सूबे में भी इससे प्रभावितों के मामले देखे जा रहे हैं। बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों से बचाव के उपाय करते रहने की अपील की जा रही है। पुलिस अधीक्षक डा. इनामुल हक मेगनू ने पत्र जारी सभी थानाध्यक्ष एवं ओपी अध्यक्ष को पोठिया एवं ठाकुरगंज प्रखंड में नेरोबी मक्खी के बंगाल के रास्ते प्रवेश करने की संभावना व्यक्त करते हुए रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक एवं सतर्कता करने के निर्देश दिए हैं।
सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया की नैरोबी मक्खी मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीका के हिस्सों में पाई जाती रही है। यह मानव शरीर पर पेडेरिन नामक एक विषैला और अम्लीय पदार्थ छोड़ती है। जिससे त्वचा में गंभीर संक्रमण हो सकते हैं। पेडेरिन के कारण त्वचा में आग जैसी तेज जलन की समस्या भी हो सकती है। ये मक्खियां आकार में छोटी, नारंगी और काले रंग की होती हैं। ऐसी मक्खियां तेज प्रकाश और नम क्षेत्रों से आकर्षित होती हैं। नैरोबी मक्खियां न तो काटती हैं न ही डंक मारती हैं। इंसानी त्वचा पर बैठने भर से इनमें मौजूद अम्लीय पदार्थ त्वचा पर आ जाता है। जिसके कारण जलन और संक्रमण की स्थिति हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक नैरोबी मक्खियों के भीतर सहजीवी बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। जो पेडेरिन नामक अम्लीय पदार्थ का निर्माण करता हैं। इन कीड़ों द्वारा छोड़ा गया द्रव त्वचा पर असामान्य जलन, सूजन या घाव पैदा कर सकता है। मक्खियों के त्वचा से संपर्क में आने के 24 से 48 घंटे में ही त्वचा पर पीले रंग के तरल पदार्थ से भरे फफोले भी हो जाते हैं। समय रहते संक्रमण का पता लगाकर इसका इलाज कराना आवश्यक होता है। कुछ स्थितियों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकते हैं।
त्वचा में खुजली, चकत्ते होने पर नहीं करें लापरवाही
नैरोबी संक्रमण के जोखिम और इसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों के लिए इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानना आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क एवं तैयार है। जिस तरह से हमने कोविड संक्रमण से जंग जीता है। उसी तरह से नैरोबी संक्रमण से भी जिले के सभी लोगो को सुरक्षित रख पाएंगे। मक्खियों के संपर्क में आने के कुछ ही देर में इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। त्वचा में खुजली, चकत्ते या दाने हों तो तुरंत डाक्टर से मिलें।
