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बिहार जाति आधारित गणना के दूसरे चरण के कार्य में देखी जा रही हैं तेजी।

सारस न्यूज, किशनगंज।

ठाकुरगंज प्रखंड के सभी 21 पंचायतों तथा पौआखाली व ठाकुरगंज नगर निकाय में बिहार जाति आधारित गणना के दूसरे चरण के काम में तेजी देखी जा रही है। सुबह से ही प्रगणक घरों पर दस्तक देकर परिवार की जानकारी जुटाकर पूरी रिपोर्ट दर्ज करते दिख रहे हैं। प्रखंड के सभी 21 ग्राम पंचायतों में गणना के लिए 598 प्रगणक हैं। इसमें 100 पर्यवेक्षक एवं 12 प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी कार्यरत हैं। गणना कार्य के दौरान कुल 17 प्रकार के प्रश्नों से संबंधित परिवार का सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक सर्वे भी हो रहा है। इस कार्य में लोगों में जानकारी का अभाव आड़े आ रही है। इसके लिए प्रगणकों को माथापच्ची करनी पड़ रही है। जानकारी के अभाव में लोग सही जानकारी नहीं देना चाहते। इस संबंध में उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोथरा के शिक्षक चंद्रशेखर बताते हैं कि संबंधित परिवार के सदस्यों से आधार नंबर मांगने पर आपत्ति करते हैं। ये आधार नम्बर नही देना चाहते हैं। इसके पीछे उनको आधार नंबर से होने वाली धोखाधड़ी की आशंका लगती है। उन्हें लगता है कि आधार नम्बर दे दिया तो धोखाधड़ी हो सकती है। यही नही जमीन को लेकर भी लोग सही जानकारी नहीं देना चाहते हैं। इससे उनकी पारिवारिक संपत्ति के खुलासे का डर है, जिससे वे सरकार की लाभकारी योजनाओं से वंचित हो सकते हैं। इसी सोच के चलते वे आमदनी के अन्य स्रोतों की जानकारी भी नहीं देना चाहते हैं। मध्य विद्यालय पटेसरी की शिक्षिका शर्मिष्ठा घोष कहती हैं कि गणना के दौरान सदस्यों के नाम तक में अशुद्धियां मिल रही है। उसके लिए लाभुकों का आधार कार्ड अथवा कोई साक्ष्य मांगा जा रहा है। लेकिन अधिकांश लोग यह नहीं देना चाहते। किसी तरह से आधार कार्ड या कोई अन्य साक्ष्य मांग कर सर्वे का काम किया जा रहा है। एक गांव के प्रगणक की मानें तो गांव में सौ से अधिक बाइक हैं। बीस ही बाइक चिन्हित कराये गये हैं।

वहीं प्रखंड चार्ज पदाधिकारी (गणना) सह बीडीओ सुमित कुमार ने कहा कि जानबूझकर व्यक्तिगत अथवा पारिवारिक विवरण छुपाना अपराध है। हालांकि प्रगणक किसी विवरण के लिए परिवार पर दबाव नहीं बना सकते हैं। लेकिन यदि परिवार के पास अच्छा मकान, गाड़ी, एसी आदि दिख रहा हो और विवरण जानबूझकर छिपाया जा रहा हो तो प्रगणक काउंटर प्रश्न कर सकते हैं। एक ही परिवार का दो जगह सर्वे कराने की बात भी सामने आ रही है। ऐसा होने पर डाटा एप पर डालने से फर्जी दिखायेगा। बीडीओ ने बताया कि एप पर विवरण अपलोड होगा। किसी अन्य कार्य में उपयोग नहीं होगा। उन्होंने बताया कि प्रगणक डोर टू डोर जाकर 17 बिंदुओं पर जानकारी लेकर उसे दर्ज कर रहे हैं। पर्यवेक्षक भी तेज गति से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। इसके लिए कर्मियों को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।

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