विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत – नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में इन दिनों नकली नेपाली नोटों का कारोबार फैलता जा रहा है। लगातार नकली नेपाली नोटों के मिलने के कारण इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जाली नोट के कारोबारी अब इसे खपाने के लिए भारतीय बाजार को निशाना बना रहे हैं। किशनगंज जिले सहित अररिया के सीमावर्ती बाजार के आम नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है। जोगबनी से सटे रानी से एक व्यक्ति की नकली नेपाली नोट के साथ हुई गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार शनिवार को नेपाल केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो के कर्मचारियों ने जोगबनी से सटे रानी के इलाके से नकली एक हजार के नोट के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा और इलाका पुलिस कार्यालय रानी को सुपुर्द कर दिया।
वहीं पुलिस कार्यालय रानी नकली नोट के कारोबार से जुड़े लोगों के बारे में आगे का अनुसंधान कर जानकारी जुटा रही है। नेपाल पुलिस के अनुसार आर्थिक वर्ष 2019/20 में 15 भारतीय सहित सौ से ज्यादा नेपाली नागरिकों की इस प्रकार के मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है। ज्ञात हो कि भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित जोगबनी, गलगलिया, पानीटंकी बाजार पूरी तरह से नेपाल से आने वाले ग्राहकों व नेपाली नोट के कारोबार पर निर्भर है। वहीं किशनगंज जिले के अन्य सीमावर्ती इलाके में भी लोग नेपाली नोट आसानी से ले लेते हैं।
बता दें कि नेपाल से सटे भारतीय बाजार गलगलिया, ठाकुरगंज, अररिया के पथरदेवा, फुलकाहा सोनापुर, बथनाहा, जोगवनी, फारबिसगंज कुशमाहा सोनामनी गोदाम, कुआड़ी, कुसांकोटा, सिकटी आदि में व्यापक पैमाने पर नेपाली व भारतीय रुपये का उपयोग खुदरा व थोक कारोबार में होता है।
ऐसे करें नेपाली नकली नोट की पहचान
जानकारों की मानें तो असली की तरह ही दिखने वाले नकली एक हजार व पांच सौ के नोट का वाटर मार्क कम गाढ़ा होता है। वहीं कागज असली के मुकाबले थोड़ा पतला व नरम होता है।