शनिवार को मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज के ग्राम समिति के सदस्य सह सहायक अध्यापकों की क्रमशः दूसरी टीम के द्वारा ठाकुरगंज प्रखंड के खानाबाड़ी ग्राम का दौरा किया गया जिसमें विशेषज्ञ वहां के मत्स्यपालकों से मात्स्यिकी एवं मछली पालन के दरम्यान आने वाली समस्याओं से अवगत हुए। उनकी समस्याओं से अवगत होते हुए हुए विशेषज्ञों द्वारा मछली पालन एवं प्रबंधन की उत्तम विधियों को बताया गया। साथ ही तालाबों में समय-समय पर चूने एवं अन्य रसायनों के छिड़काव की सही विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
ज्ञात हो कि ग्राम खानीबाड़ी को मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज के द्वारा गोद लिया गया है ताकि मछली पालन में हो रहे नई-नई तकनीकों को किसानों के बीच साझा किया जा सके। मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वेद प्रकाश सैनी द्वारा प्रत्येक महीने के पहले और तीसरे शनिवार को महाविद्यालय के विभिन्न सहायक अध्यापकों की समिति गठित की गयी है जिसके तहत मत्स्य ग्राम का भ्रमण निर्धारित किया गया है ताकि किसानों को मछली पालन की नई-नई तकनीक ससमय उपलब्ध कराई जा सके।
वहीं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अंतर्गत मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज के सहायक अध्यापक भारतेन्दु विमल द्वारा मत्स्य स्वास्थ्य एवं बेहतर तालाब प्रबंधन की जानकारी साझा की गयी एवं जलीय गुणवत्ता एवं पानी के विषैलेपन को कम करने के लिए जियोलाइट की उचित मात्रा का प्रयोग तालाब में प्रदर्शित कर दिखाया। सहायक अध्यापिका तेंजी पेम भूटिया ने किसानों को मछलियों से अत्यधिक लाभ लेने हेतु उचित समय पर मछलियों को मारने एवं बाजार के मांग के अनुरूप आपूर्ति करने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में गांव के लगभग सभी प्रगतिशील मत्स्यपालक जैसे विकास कुमार, सुनील सहनी समेत करीब दर्जन भर किसान उपस्थित थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शनिवार को मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज के ग्राम समिति के सदस्य सह सहायक अध्यापकों की क्रमशः दूसरी टीम के द्वारा ठाकुरगंज प्रखंड के खानाबाड़ी ग्राम का दौरा किया गया जिसमें विशेषज्ञ वहां के मत्स्यपालकों से मात्स्यिकी एवं मछली पालन के दरम्यान आने वाली समस्याओं से अवगत हुए। उनकी समस्याओं से अवगत होते हुए हुए विशेषज्ञों द्वारा मछली पालन एवं प्रबंधन की उत्तम विधियों को बताया गया। साथ ही तालाबों में समय-समय पर चूने एवं अन्य रसायनों के छिड़काव की सही विधियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
ज्ञात हो कि ग्राम खानीबाड़ी को मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज के द्वारा गोद लिया गया है ताकि मछली पालन में हो रहे नई-नई तकनीकों को किसानों के बीच साझा किया जा सके। मात्स्यिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वेद प्रकाश सैनी द्वारा प्रत्येक महीने के पहले और तीसरे शनिवार को महाविद्यालय के विभिन्न सहायक अध्यापकों की समिति गठित की गयी है जिसके तहत मत्स्य ग्राम का भ्रमण निर्धारित किया गया है ताकि किसानों को मछली पालन की नई-नई तकनीक ससमय उपलब्ध कराई जा सके।
वहीं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अंतर्गत मात्स्यिकी महाविद्यालय किशनगंज के सहायक अध्यापक भारतेन्दु विमल द्वारा मत्स्य स्वास्थ्य एवं बेहतर तालाब प्रबंधन की जानकारी साझा की गयी एवं जलीय गुणवत्ता एवं पानी के विषैलेपन को कम करने के लिए जियोलाइट की उचित मात्रा का प्रयोग तालाब में प्रदर्शित कर दिखाया। सहायक अध्यापिका तेंजी पेम भूटिया ने किसानों को मछलियों से अत्यधिक लाभ लेने हेतु उचित समय पर मछलियों को मारने एवं बाजार के मांग के अनुरूप आपूर्ति करने की सलाह दी। इस कार्यक्रम में गांव के लगभग सभी प्रगतिशील मत्स्यपालक जैसे विकास कुमार, सुनील सहनी समेत करीब दर्जन भर किसान उपस्थित थे।
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