रविवार को आदर्श थाना ठाकुरगंज के प्रांगण में राहत संस्था आई पार्टनर और पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में मानव तस्करी, बाल शोषण और घरेलु हिंसा के मुद्दों पर पुलिस कर्मियों के साथ थाना स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। थानाध्यक्ष सतीश कुमार हिमांशु की अध्यक्षता में उक्त कार्यशाला आयोजित की गई।
इस मौके पर पुलिस अधिकारियों, सिपाहियों व चौकीदारों को संबोधित करते हुए राहत संस्था के डॉ फरजाना बेगम ने मानव तस्करी, बाल यौन शोषण, बाल मजदूरी, बाल विवाह जैसी मुद्दों पर पुलिस बलों को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि बच्चे व किशोर साफ्ट टारगेट होते हैं, उन पर निगाह रखना बेहद जरूरी है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बहला फुसलाकर ले जाया जाना मानव तस्करी की श्रेणी में आता है। ह्यूमन ट्रैफिकिग को रोकने हेतु हमें सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे चौकीदार ही पुलिस के मुख्य अंग है और वे ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति के पदेन सदस्य है। वे अपने स्रोतों से बच्चे और बच्चियों की गुमशुदगी व बहला-फुसलाकर ले जाने की गतिविधियों पर रोक लगाने में महती भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में यदि कोई भी अपरिचित व्यक्ति बार-बार आता है, किसी प्रकार का प्रलोभन देता है तो उस पर विशेष निगाह रखें और गांव में बैठकों व चौपालों के माध्यम से मानव तस्करी, बाल विवाह व बाल श्रम के रोकथाम के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें। थानाध्यक्ष सतीश कुमार हिमांशु ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल अपराध, यौन शोषण और मानव तस्करी जैसे मामलों में संरक्षण देने की जानकारी देना था। इस मुहिम के तहत मानव तस्करी के विभिन्न पहलुओं से पुलिस अधिकारियों व सिपाहियों को परिचित करवाना, उन्हें संरक्षित करना तथा मानव तस्करी से बचाव व समाधान की जानकारी देना था।
उन्होंने सभी चौकीदारों और पुलिस कर्मियों को निदेश देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करे और ग्राम स्तर पर कोई मुद्दे हो, उसे रोकने में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। साधन सेवी मेराज दानिश ने पॉस्को कानून एवं स्वास्थ्य संबंधित फलेरिया के बारे जानकारी दी। इस मौके पर प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर विपिन कुमार सिंह, शत्रुध्न कुमार कुशवाहा, एएसआई विद्या सागर राय, अरविंद कुमार सिंह आदि पुलिस कर्मी व थाना क्षेत्र के चौकीदार मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
रविवार को आदर्श थाना ठाकुरगंज के प्रांगण में राहत संस्था आई पार्टनर और पुलिस प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में मानव तस्करी, बाल शोषण और घरेलु हिंसा के मुद्दों पर पुलिस कर्मियों के साथ थाना स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। थानाध्यक्ष सतीश कुमार हिमांशु की अध्यक्षता में उक्त कार्यशाला आयोजित की गई।
इस मौके पर पुलिस अधिकारियों, सिपाहियों व चौकीदारों को संबोधित करते हुए राहत संस्था के डॉ फरजाना बेगम ने मानव तस्करी, बाल यौन शोषण, बाल मजदूरी, बाल विवाह जैसी मुद्दों पर पुलिस बलों को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि बच्चे व किशोर साफ्ट टारगेट होते हैं, उन पर निगाह रखना बेहद जरूरी है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बहला फुसलाकर ले जाया जाना मानव तस्करी की श्रेणी में आता है। ह्यूमन ट्रैफिकिग को रोकने हेतु हमें सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे चौकीदार ही पुलिस के मुख्य अंग है और वे ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति के पदेन सदस्य है। वे अपने स्रोतों से बच्चे और बच्चियों की गुमशुदगी व बहला-फुसलाकर ले जाने की गतिविधियों पर रोक लगाने में महती भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांव में यदि कोई भी अपरिचित व्यक्ति बार-बार आता है, किसी प्रकार का प्रलोभन देता है तो उस पर विशेष निगाह रखें और गांव में बैठकों व चौपालों के माध्यम से मानव तस्करी, बाल विवाह व बाल श्रम के रोकथाम के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें। थानाध्यक्ष सतीश कुमार हिमांशु ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल अपराध, यौन शोषण और मानव तस्करी जैसे मामलों में संरक्षण देने की जानकारी देना था। इस मुहिम के तहत मानव तस्करी के विभिन्न पहलुओं से पुलिस अधिकारियों व सिपाहियों को परिचित करवाना, उन्हें संरक्षित करना तथा मानव तस्करी से बचाव व समाधान की जानकारी देना था।
उन्होंने सभी चौकीदारों और पुलिस कर्मियों को निदेश देते हुए कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करे और ग्राम स्तर पर कोई मुद्दे हो, उसे रोकने में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। साधन सेवी मेराज दानिश ने पॉस्को कानून एवं स्वास्थ्य संबंधित फलेरिया के बारे जानकारी दी। इस मौके पर प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर विपिन कुमार सिंह, शत्रुध्न कुमार कुशवाहा, एएसआई विद्या सागर राय, अरविंद कुमार सिंह आदि पुलिस कर्मी व थाना क्षेत्र के चौकीदार मौजूद थे।
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