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यूजीसी के 20 लाख बकाया राशि नहीं जमा करने पर ठाकुरगंज डिग्री कॉलेज की मान्यता हो सकती है समाप्त।

शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।

जिला किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड में स्थित डिग्री कॉलेज जो पूर्णिया विश्वविद्यालय के अंदर आनेवाले मोहम्मद हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज के संबंद्धन पर एवं ठाकुरगंज डिग्री कॉलेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ भी खतरा मंडरा रहा है क्योंकि वर्तमान प्राचार्य एवं पूर्व के प्राचार्य के बीच चल रहे विवाद के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बकाया राशि नहीं वापस करने से संबंधी मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है। इसी मामले के कारण पेंच फंसता जा रहा है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पूर्णिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर, राजनाथ यादव ने बताया है कि इस मामले को लेकर न्यायालय से कुछ समय की मोहलत ली गई है। इसके समाधान का भी प्रयास मेरे स्तर से लगातार किया जा रहा है। अगर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की बकाया राशि जमा नहीं होती है तो न्यायालय के आदेश अनुसार मोहम्मद हुसैन आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज की मान्यता समाप्त की जा सकती है।

आपको बताते चलें कि यह विवाद विगत कई महीनों से चलता आ रहा है, जिसके कारण कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था, कॉलेज में प्रिंसिपल की कुर्सी की लड़ाई के कारण कई छात्र छात्राओं का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाया था और इस समस्या के समाधान को लेकर आज तक किसी भी माननीय ने इस कॉलेज के बारे में सवाल नहीं किया है। माना जाता है कि इन कॉलेज को इन्हीं माननीय लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है। जिस वजह से यह कॉलेज बेलगाम है। इन पर लगाम लगाने की विश्वविद्यालय की ओर से भी अब तक नहीं की गई है कोई पहल। नियमों के अनुसार शासी निकाय पर प्रत्येक साल अपने कॉलेज से जुड़े जानकारी एवं सुविधा सिंडिकेट सदस्यों को लिखित में प्रदान करने का नियम है जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है। कॉलेज की बदहाल व्यवस्था को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र संगठनों ने भी कई मर्तबा आवाज उठाई है मगर अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

आपको बताते चलें कि एम.एच.आजाद नेशनल डिग्री कॉलेज बसीर नगर ठाकुरगंज को छोड़कर पूर्णिया यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले सभी 15 काॅलेजो का हिसाब-किताब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेज दिया है। लेकिन अभी तक एकमात्र कॉलेज ठाकुरगंज कॉलेज का हिसाब नहीं दिया गया है, जबकि 92 लाख में 72 लाख का ही हिसाब दिया गया है। और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को 20 लाख रुपए जमा करना बाकी है। जिसको लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एक विशेष जांच कमेटी बनाई है। मामला हाई कोर्ट में लंबित है और जल्द ही मामले की सुनवाई होनी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राशि का हिसाब नहीं देने पर कॉलेज की संबंधन सरकार समाप्त कर सकती है। कॉलेज प्रशासन की लापरवाही एवं कुछ लोगों के कारण डिग्री कॉलेज की मान्यता समाप्त करने की अटकलें लगाई जा रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा गठित जांच कमेटी अगर मामले की बारीकी से अगर जांच करती है तो पर्दे के पीछे बैठे कई लोगों का भी चेहरा पर्दाफाश कर सकते है। इन पैसों के बंदरबांट में कॉलेज प्रशासन एवं कई लोगों का भी चेहरा सामने आ जाएगा। कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के कारण सीमांचल क्षेत्र ठाकुरगंज प्रखंड के हजारों छात्र-छात्राओं के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।

कोई संबंध पर वर्तमान प्राचार्य अबरार आलम ने बताया कि 12/04/2018 इससे पहले का और 16/02/2019 मेरा जॉइनिंग हुआ है और हमने इनका जवाब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को प्रमाण के साथ पत्रांक 318/22 दिनांक 19/10/2022 को भेज दिया है। वहीं सारे पहलुओं पर जब मोहम्मद मुजम्मिल हक से दूरभाष पर संपर्क करने को कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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