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लोकल फॉल्ट के कारण शहरी क्षेत्र में पांच तो ग्रामीण क्षेत्रों में सात से आठ घंटे बिजली कटौती।

सारस न्यूज टीम, किशनगंज।

बीते एक सप्ताह से जिले में उमस भरी गर्मी पड़ रही है। गर्मी से जनजीवन त्रस्त है। रविवार को भी बेहद गर्म दिन रहा। इस भीषण गर्मी में बिजली की आंख मिचौली और परेशानी बढ़ा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र सहित शहरी क्षेत्रों में भी बिजली का आना जाना लगा है। इससे लोगों में विभाग के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। जिले के ठाकुरगंज में बिजली की लचर आपूर्ति के खिलाफ लोगों ने विरोध भी जताया है। धीरे धीरे यह आक्रोश सभी जगह फैलने लगा है। शहरी क्षेत्र में चार से पांच घंटे तो ग्रामीण क्षेत्रों में सात से आठ घंटे बिजली की कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।

इन सब के विपरीत बिजली बोर्ड द्वारा बिजली आपूर्ति का दावा हैरान करने वाला है। बोर्ड का दावा है। कि जिले में 20 से 22 घंटे तक बिजली की आपूर्ति की जाती है। रविवार को भी शहरी क्षेत्र में सुबह तकरीबन एक घंटे तक आपूर्ति ठप रही। इसके अलावे दिन में भी कई बार विभिन्न क्षेत्रों में बिजली ट्रिप करती रही। आंधी तूफान या बज्रपात के आने की सूचना मात्र से ही विभाग बिजली की आपूर्ति बंद कर देती है। यह तो लोगों के समझ में आता है। लेकिन बिना आंधी तूफान या बारिश के बिना भी बिजली की कटौती समझ से पड़े है। उस पर तुर्रा यह कि कटौती के साथ ही विभाग का यह कहना कि अमुक जगह इंसुलेटर पंक्चर होने के कारण बिजली आपूर्ति बंद है। सवाल उठता है कि बिना बरसात के इंसुलेटर पंक्चर कैसे और क्यों हो जाता है। और आखिर किशनगंज में ही इतना इंसुलेटर क्यों पंचर होता है।

जबकि मुख्यालय के तीन ओर बंगाल का सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र है। जहां किशनगंज शहर की तरह ही मौसम है। लेकिन वहां इंसुलेटर पंचर होने की शिकायत नहीं है। एक विभागीय कर्मी ने नाम नही छापने की शर्त पर कहा कि इसकी जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आएगा। हाल के वर्षों में जितने भी मेंटेनेंस कार्य हुए उसमें लगाए गए सभी सामान मानक से नीचे के हैं।

जिले में प्रतिदिन 75 मेगावाट की है खपत
जिले में प्रतिदिन 75 मेगावाट बिजली की खपत है। उतनी बिजली ग्रिड से मिलती भी है। फिर कभी ग्रीड में खराबी कहीं तार का टूटकर गिरना तो कहीं इंसुलेटर पंक्चर जैसी समस्या बताकर विभाग उमस भरी गर्मी में लोगों को परेशान कर अपनी गलती छिपाने का प्रयास कर रही है। विभागीय सूत्रों की मानें तो सभी जगह घटिया सामान लगाया गया है। शहर के वार्ड 10 के दर्जनों निवासी ने कहा कि बिजली आपूर्ति में लोकल फाल्ट भी आती है तो एक भी अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं।

सत्ताधारी दल भी उठा रहे सवाल
अभी एक पखवाड़ा पूर्व जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष मुजाहिद आलम ने जिले में बिजली की लचर आपूर्ति व्यवस्था के खिलाफ उर्जा मंत्री से मुलाकात की थी। इसके अलावा जिला स्तरीय विभागीय उच्चाधिकारियों सहित डीएम को भी इस समस्या से अवगत कराया था।

वर्ष 2020 में बना पूर्णिया से अलग अंचल, दो भागों में बांटा
जिले में बिजली आपूर्ति सहित मेंटिनेंस कार्य को आसान बनाने के लिए वर्ष 2020 में पूर्णिया सर्किल से किशनगंज को अलग कर एक स्वतंत्र सर्कल बनाया गया। यहां अधीक्षण अभियंता की पोस्टिंग हुई। लोगों में उम्मीद जगी की अब जिले में बिजली की लचर व्यवस्था सुदृड़ होगा। फिर किशनगंज सर्कल को दो भागों में बांट दिया गया। बहादुरगंज सर्कल में बहादुरगंज, दिघलबैंक, ठाकुरगंज, पोठिया एवं टेढ़ागाछ प्रखण्ड को शामिल कर दिया गया। जबकि किशनगंज सर्कल में कोचाधामन एवं किशनगंज प्रखंड को रखा गया।

दो दिन एनडीपीसीएल का प्लांट बंद रहने से सूबे के 5 प्लांट कर दिए गए थे बंद
विद्युत प्रमंडल के सहायक अभियंता विशाल कुमार ने कहा कि विभाग शत प्रतिशत बिजली आपूर्ति का प्रयास करती रहती है। बीच में दो दिन एनडीपीसीएल का प्लांट बदं था। राज्य को दो हजार की जगह महज 1100 वाट बिजली की आपूर्ति हो रही थी। जिस कारण विगत दो दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोड शटिंग करना पड़ रहा था।

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