शनिवार को नगर स्थित वार्ड नं 4 के भीमवालिश आदिवासी कॉलोनी बस्ती में विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर इमैनुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन और फ्री विल बैप्टिस्ट सोसाइटी की ओर से प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इमैनुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन और फ्री विल बैप्टिस्ट सोसाइटी ने संयुक्त रूप से ठाकुरगंज ब्लॉक के विभिन्न गांवों में प्राथमिक चिकित्सा और बचाव प्रशिक्षण आयोजित किया और प्राथमिक चिकित्सा किट वितरित की।
इस दौरान संस्था के कोर्डिनेटर सुभाष दास ने बताया कि विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस एक वैश्विक वार्षिक कार्यक्रम है जो जीवन बचाने में प्राथमिक चिकित्सा की भूमिका के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के इरादे से हर सितंबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को प्राथमिक उपचार के प्रति जागरूक करना है। किसी भी इंसान को चोट लगने या दर्द होने पर या फिर किसी तकलीफ पर सबसे पहले जो उपचार उसे राहत देने के लिए किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं यानी मरीज को दिए जाने वाले पहले उपचार को प्राथमिक चिकित्सा कहा जाता है। ऐसा करने से यह लोगों को पेशेवर डॉक्टर के पास जाने और आगे उपचार प्राप्त करने में मदद करता है। प्राथमिक चिकित्सा एक प्राथमिक कौशल है जो हर किसी को पता होना चाहिए क्योंकि यह हमारी भी मदद कर सकता है। शरीर के किसी हिस्से में कट जाने या किसी चीज से चोट लगने पर हम सबको खुद भी प्राथमिक उपचार देने में भी सक्षम होना चाहिए। हर साल, विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस प्राथमिक चिकित्सा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है ताकी लोग जान सके कि चोट लगने पर लोगों को कौन से बुनियादी उपचार पहले दिए जा सके। वहीं जागरुकता कार्यक्रम के दौरान लुकास सोरेन, ज्योति बानिक, विश्वजीत हलदर, सरवत जहां, माहिनूर बेगम आदि सहित आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
शनिवार को नगर स्थित वार्ड नं 4 के भीमवालिश आदिवासी कॉलोनी बस्ती में विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर इमैनुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन और फ्री विल बैप्टिस्ट सोसाइटी की ओर से प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इमैनुएल हॉस्पिटल एसोसिएशन और फ्री विल बैप्टिस्ट सोसाइटी ने संयुक्त रूप से ठाकुरगंज ब्लॉक के विभिन्न गांवों में प्राथमिक चिकित्सा और बचाव प्रशिक्षण आयोजित किया और प्राथमिक चिकित्सा किट वितरित की।
इस दौरान संस्था के कोर्डिनेटर सुभाष दास ने बताया कि विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस एक वैश्विक वार्षिक कार्यक्रम है जो जीवन बचाने में प्राथमिक चिकित्सा की भूमिका के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के इरादे से हर सितंबर के दूसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को प्राथमिक उपचार के प्रति जागरूक करना है। किसी भी इंसान को चोट लगने या दर्द होने पर या फिर किसी तकलीफ पर सबसे पहले जो उपचार उसे राहत देने के लिए किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं यानी मरीज को दिए जाने वाले पहले उपचार को प्राथमिक चिकित्सा कहा जाता है। ऐसा करने से यह लोगों को पेशेवर डॉक्टर के पास जाने और आगे उपचार प्राप्त करने में मदद करता है। प्राथमिक चिकित्सा एक प्राथमिक कौशल है जो हर किसी को पता होना चाहिए क्योंकि यह हमारी भी मदद कर सकता है। शरीर के किसी हिस्से में कट जाने या किसी चीज से चोट लगने पर हम सबको खुद भी प्राथमिक उपचार देने में भी सक्षम होना चाहिए। हर साल, विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस प्राथमिक चिकित्सा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है ताकी लोग जान सके कि चोट लगने पर लोगों को कौन से बुनियादी उपचार पहले दिए जा सके। वहीं जागरुकता कार्यक्रम के दौरान लुकास सोरेन, ज्योति बानिक, विश्वजीत हलदर, सरवत जहां, माहिनूर बेगम आदि सहित आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे।
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