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विहान संस्था द्वारा विश्व बाल श्रम दिवस पर निकाली गई जागरूकता रैली।

सारस न्यूज टीम, ठाकुरगंज।

बचपन जिंदगी का सबसे खूबसूरत समय होता है लेकिन उसी बचपन में पढ़ाई लिखाई के वजह अगर बच्चे बाल मजदूरी करने लगे तो उनका बचपन नष्ट हो जाता है हर साल करोड़ों बच्चे पढ़ाई लिखाई छोड़कर बाल मजदूरी करने लगते हैं। ऐसे में बच्चे के बचपन को बचाने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए जिले में बाल मजदूरी और बाल तस्करी के रोकथाम पर कार्य कर रहे बिहान संस्था द्वारा रविवार को विश्व बाल श्रम दिवस मनाया गया।

विश्व बाल श्रम दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन प्रखंड क्षेत्र के कुकुरबाघी पंचायत अंतर्गत साहिबगंज में बिहान संस्था द्वारा स्थानीय बच्चों के साथ साहिबगंज से रंगिया कोर्ट तक जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में आधी रोटी खाएंगे फिर भी स्कूल जाएंगे जैसे कई स्लोगन, नारा बच्चों ने लगाया। इस अवसर पर बिहान संस्था के जिला परियोजना प्रमुख रणधीर कुमार ने बताया की प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार है और जीवन में बच्चों के अवसरों का विस्तार करने में समाज के प्रत्येक लोगों की जिम्मेदारी है। भारत में बाल श्रम की समस्या दशकों से प्रचलित है।

बाल श्रम आज के समय सबसे बड़ी चुनौती है। गरीबी की वजह से बच्चे मजबूर होकर मजदूरी करना शुरू कर देते हैं। बाल मजदूरी बच्चों से स्कूल जाने का अधिकार छीन लेता है, जिससे शिक्षा में काफी रुकावट होती है। जिससे बच्चों के स्कूल जाने में उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन पर खराब प्रभाव पड़ता है। इसे रोकने के लिए सरकार और कई संगठन अपने स्तर से कार्य कर रही है। अगर व्यावसायिक उद्देश्य से किए जा रहे किसी कार्य के लिए 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को नियुक्त किया जाता है तो वह बालश्रम कहलाता है। इसे भारत में गैरकानूनी करार दिया गया है। भारतीय संविधान के मूल अधिकारों के अनुच्छेद 24 के तहत भारत में बाल श्रम पर पाबंदी लगाई गई है।

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