सारस न्यूज, किशनगंज।
बुधवार को कला एवं संस्कृति मंच, ठाकुरगंज द्वारा शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 115वीं जयंती के अवसर पर ठाकुरगंज क्लब मैदान में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इस मौके पर मंच के सभी सदस्यों ने इनके पदचिन्हों में चलने की शपथ ली। इस अवसर पर जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकुरगंज क्लब के उपाध्यक्ष बाबुल दे ने कहा कि आज ही के दिन अमर वीर क्रांतिकारी युवाओं के अंदर जोश भरने वाले शहीद भगत सिंह का जन्म वर्ष 1907 को गाँव बंगा, जिला यलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान में) हुआ था। भगत सिंह भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी व क्रांतिकारी थे। राजगुरु, सुखदेव, चन्द्रशेखर आजाद एवं अन्य क्रान्तिकारियों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। भाजपा प्रदेश क्रीड़ा कार्यसमिति के सदस्य संजय कुमार सिंहा ने कहा कि शहीद भगत सिंह ने पहले लाहौर में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद दिल्ली की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें 23 मार्च 1931 को इनके दो अन्य साथियों राजगुरु तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर लटका दिया गया।सारा देश उनके इस बलिदान को बड़ी गम्भीरता व भावना के साथ से याद करती हैं।
मंच के सदस्य आकाश कुमार ने शहीद भगत सिंह के जीवन की उपलब्धियों एवं उनके द्वारा देश के लिए किए गए कार्यो पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने कैसे देश को आज़ादी दिलाने के लिये अपनी जान की बिना परवाह किए अपने प्राणों की आहुति दे दी। वहीं ठाकुरगंज क्लब के कप्तान विशाल राय समेत सभी क्लब के सदस्यों ने भी शहिद-ए-आज़म भगत सिंह के प्रतीमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से रॉबिन सिंहा, अमृत मंडल, रूपचंद ठाकुर सहित अन्य लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।