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संभावित बाढ़, सुखाड़ व अन्य आपदाओं के पूर्व तैयारियों की समीक्षा हेतु ठाकुरगंज में प्रखंड स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित।

सारस न्यूज, किशनगंज।

सोमवार को प्रखंड कार्यालय के सभागार में संभावित बाढ़, सुखाड़ व अन्य आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारियों के संदर्भ में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पंचायती राज पदाधिकारी (डीपीआरओ) मो जफर आलम ने की। बैठक में प्रखंड स्तरीय सभी विभागों के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि व सरकारी कर्मी मौजूद थे।

बैठक में बाढ़ व सुखाड़ के पूर्व तैयारी को लेकर जहां अधिकारियों ने अपनी तैयारियों से सभी को अवगत कराया। वहीं उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए। बैठक में बाढ़ के समय पर्याप्त संख्या में नाव संचालन, सामुदायिक किचेन, दवाई, पीने के लिए पेयजल आपूर्ति, पॉलिथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, ड्राई राशन पैकेट्स, फूड पैकेट्स, आपातकालीन संचालन केंद्र के साथ एनडीआरफ टीम की उपलब्धता को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान डीपीआरओ मो जफर आलम ने कहा कि पंचायत राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति के माध्यम से बाढ़ एवं सुखाड़ पीड़ितों की सूची बनाकर संपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने, चयनित सूची पर मुखिया तथा अनुश्रवण समिति के सदस्यों का हस्ताक्षर, संभावित बाढ़ की हालत में संसाधन जुटाने व पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने, सामुदायिक किचन व राहत शिविर में चापाकल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन आदि विभागों को विशेष रूप से मुस्तैद रहना है। संभावित बाढ़ की तैयारियों के तहत तीन दिन के भीतर बाढ़ पीड़ितों की सूची बनाना है। कोई सही प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं। बाढ़ पूर्व तैयारी के निमित्त सभी पंचायत के सभी वार्ड से प्रभावित परिवारों की सूची के आधार पर प्रभावित परिवारों को सरकार से सहायता मिलेगी। बैठक के दौरान बाढ़ प्रभावित पंचायत के मुखिया ने अधिकारियों को अवगत कराया कि प्रखंड के लगभग एक दर्जन से अधिक जगहों पर नदी कटाव हो रहा है। परंतु इसका अब तक स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते अब तक सैकड़ों परिवार बेघर हो चुका है तथा अब भी दर्जनों परिवार नदी कटाव की जद में है। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने बताया कि बाढ़ के समय प्रखंड क्षेत्र में भयावह स्थिति उत्पन्न हो जाती है। क्षेत्र में काफी अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है। उस समय बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को खाने-पीने तक की समस्या उत्पन्न हो जाती है। प्रशासन द्वारा उस समय ऐसे लोगों के लिए उंचे स्थान राहत शिविर खोलकर खाने-पीने का व्यवस्था करते हैं। परंतु बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को राहत शिविर तक पहुंचने के लिए काफी कठिनाई होती है। क्योंकि उस समय पर्याप्त मात्रा में ना ही नाव रहता है और ना ही मोटरवोट।

बैठक में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम, बीडीओ सुमित कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार, राजस्व अधिकारी मनीष कुमार चौधरी, बीएओ राजेश कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार झा, बीएचएम बसंत कुमार, मुखिया बीरेंद्र पासवान, मुख्तार आलम आदि सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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