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सफाई के नाम पर नगर में मची है लूट, आखिर कौन हो रहा है मालामाल पदाधिकारी संवेदक या प्रतिनिधि?

सारस न्यूज, ठाकुरगंज।

इन दिनों ठाकुरगंज नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था के नाम पर लूट मची हुई है। कैसे और क्यों लूट मची है ये आप भी जान लीजिए। ठाकुरगंज नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था जटाशंकर ठाकुर स्मृति सेवा संस्थान, नामक एनजीओ के द्वारा किया जा रहा है, सूचना के अधिकार के तहत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त एनजीओ लगातार 2 साल से ठाकुरगंज नगर पंचायत की सफाई व्यवस्था की ज़िम्मेदारी निभा रही है, नगर पंचायत के द्वारा सफाई व्यवस्था के लिए प्रत्येक महीना एनजीओ को 9 लाख 76 हज़ार 963 रुपया की भुगतान की जाती है, उक्त एनजीओ पर नगर के सफाई व्यवस्था में 01 टैक्टर व 5 टीपर वाहनों के माध्यम से नगर की सफाई की जातीं हैं, नपं कार्यालय द्वारा आरटीआई के माध्यम से मांगे गए जवाब में नपं के सफाई व्यवस्था में लगे कुल 52 सफाई कर्मी को कार्यरत बताया है, जबकि नगर पंचायत ठाकुरगंज के सफ़ाई कर्मियों से बात करने पर पता चला कि मात्र 29 सफाई कर्मी ही कार्यरत है, जिसमें से 11 महिला व 18 पुरुष सफाई कर्मी शामिल है। जबकि कार्यालय द्वारा सूचना का अधिकार के तहत मांग गया जबाब में 52 सफाई कर्मी को कार्यरत बताया है, जबकि नगर पंचायत में मात्र 29 सफाई कर्मी कार्यरत है, नपं कार्यालय द्वारा सूचना का अधिकार के तहत जवाब में झूठी जानकारी दी गई हैं, यानि यह जांच का विषय है कि आखिर 23 सफाई कर्मियों का पैसा का बंदरबांट किस-किस के बीच हो रहा है? यह जांच का विषय है कि आखिर 29 सफाई कर्मी नगर पंचायत के सफाई व्यवस्था पर कार्यरत है और जबकि कार्यालय द्वारा 52 सफाई कर्मी को कार्यरत बताया है इसकी जांच होनी चाहिए।

नगर पंचायत ठाकुरगंज की सफाई कर्मियों ने बताया कि एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों को पूरे 30 दिन का पेमेंट नहीं दिया जाता है मात्र 26 दिन का ही पेमेंट दिया जाता है। और रविवार का पेमेंट भी काट लिया जाता है, जबकि उक्त नगर पंचायत के द्वारा किए गए एग्रीमेंट में स्पष्ट लिखा है कि श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना है, मगर एनजीओ के द्वारा इन नियमों को तांक में रखकर कार्य किया जा रहा है, जिम्मेदार कार्यपालक पदाधिकारी भी मौन व्रत रखें हुए हैं, स्थिति यह है कि कई वार्डों में तो कचरे की गाड़ी तक कूड़ा – कचरा संग्रहण करने नहीं जाते हैं, जबकि एग्रीमेंट के अनुसार प्रत्येक वार्डों में अवस्थित प्रत्येक घरों में कूड़ा कचरा का संग्रहण करना है, प्रत्येक वार्डों के घर-घर से अवशिष्ट सुखा एवं गीला संग्रहण एवं परिवहन हेतु ट्राई साइकिल, कंटेनरकृत हाथ गाड़ी, ऑटो टिपर को सुखा एवं गीला अवशिष्ट की पहचान कर अलग-अलग संग्रहण करना है, मगर एग्रीमेंट के अनुसार एनजीओ द्वारा उक्त कार्य नहीं किया जा रहा हैं जबकि एग्रीमेंट के पेपर में स्पष्ट लिखा है कि कार्य संतोषजनक नहीं रहने पर अधोहस्ताक्षरी द्वारा बिना कारण बताएं एकरनामा एवं कार्यदेश निरस्त करने का भी प्रावधान है। वहीं इस संबंध में नपं के कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नपं के सफाई व्यवस्था पर 52 सफाई कर्मी कार्यरत हैं, एनजीओ को महीने के 26 दिनों का ही पैसा सफाई कर्मियों को देना है, एनजीओ को एग्रीमेंट के अनुसार ही कार्य करना है अगर एग्रीमेंट के अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा है तो उसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। अब इसमें देखने वाली बात यह होगी की जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा दिए गए आश्वासन पर कितने कार्य किया जाता है वह आने वाला समय ही बताएगा।

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