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सांस्कृतिक व धार्मिक रीतिरिवाज के साथ मनीं हरितालिका (तीज) पर्व।

बीरबल महतो, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।

ठाकुरगंज नगर सहित प्रखंड क्षेत्र में हरितालिका तीज पर्व सांस्कृतिक व धार्मिक रीतिरिवाज के साथ भव्य व पारंपरिक ढंग से मनाया गया। स्थानीय श्रीराम जानकी मंदिर भातदाला के प्रांगण में इस अवसर पर व्रतधारियों ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना की।
कोरोना संक्रमण के महामारी के कारण नगर क्षेत्र के कई व्रतधारियों ने अपने घरों में ही विधिवत रूप से इस व्रत का विधि-विधान से अनुपालन किया।
हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन करने का प्रचलन है। किंवदंतियों के अनुसार इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। कारण इसी दिन माता पार्वती जी ने व्रत रखकर शिवजी को प्राप्त किया था। इसलिए इस दिन शिव – पार्वती की पूजा का विशेष विधान है।
प्रस्तुत किया।इस दौरान व्रतधारियों को श्रीराम मंदिर के प्रमुख पुरोहित रामसेवक झा ने हरितालिका तीज पर्व के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कथा सुनाया।
उन्होंने बताया कि व्रतधारियों द्वारा अपने पति के सौभाग्य,परिवार के सुख-शाति व अमन-चैन के लिए हरितालिका तीज पर्व किया जाता है।हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन करने का प्रचलन है। किंवदंतियों के अनुसार इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। कारण इसी दिन माता पार्वती जी ने व्रत रखकर शिवजी को प्राप्त किया था। इसलिए इस दिन शिव – पार्वती की पूजा का विशेष विधान है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से अखंड सुहाग व सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
उन्होंने बताया कि व्रतधारियों द्वारा अपने पति के सौभाग्य,परिवार के सुख-शाति व अमन-चैन के लिए हरितालिका तीज पर्व किया जाता है। तीज पर्व विशेष विवाहित महिलाएं अपने पति की आरोग्यता और स्वास्थ्य की कामना करते हुए भगवान शिव का व्रत करती हैं। तीज व्रत के एक दिन पहले मध्यरात में (खीर) खाकर दूसरे दिन शुद्ध रुप से पूजा करने की परम्परा रही है ।

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