सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने तथा जन समुदाय में जागरुकता लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का मंगलवार को क्षमतावर्धन किया गया। मंगलवार को किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में साप्ताहिक समीक्षा बैठक में महिला सुपरवाइजर, एएनएम, आशा को सुरक्षित गर्भपात की जानकारी दी गई। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर के के कश्यप ने बताया कि 1971 से पहले गर्भपात अवैध माना जाता था। लेकिन 1971 के बाद कानून में संशोधन कर एमटीपी एक्ट के तहत विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए सुरक्षित गर्भपात की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है।
प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार साहा ने बताया कि सुरक्षित गर्भपात कानूनी तौर पर पूरी तरह से वैध है। इस बात की जानकारी आज भी ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को नहीं है। जिसके कारण महिलाएं गांव- देहात के नीम- हकीम और झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में पड़कर अपने प्राण तक गंवा रही हैं। सुरक्षित गर्भपात के बारे में ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को जागरूक करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल में ही प्रशिक्षित डॉक्टर की मौजूदगी में सुरक्षित गर्भपात कराया जाना चाहिये।
प्रशिक्षक हिना प्रवीन ने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है।