सारस न्यूज, किशनगंज।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफ रेलवे) के डिवीजन कटिहार के सीनियर डीईएन सह इस्टेट ऑफिसर ने अलुआबाड़ी-सिलीगुड़ी रेलखंड अंतर्गत वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (कार्य), ठाकुरगंज के अधीन रेलवे की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु 478 लोगों को नोटिस जारी की गई हैं। रेलवे की जमीन पर मकान बनाकर सालों से रह रहे व कई दुकान चला रहे 478 परिवारों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए रेलवे ने इस बार डिवीजन कार्यालय कटिहार से नोटिस थमाकर अतिक्रमण छोड़ने चेतावनी दी है। जमीन नहीं छोड़ने पर रेलवे द्वारा कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
इसको लेकर रेलवे के नोटिस से प्रभावित परिवारों में हड़कंप मच गया है क्योंकि नोटिस थमाने के बाद रेलवे कभी भी कार्रवाई कर सकती है। वहीं नोटिस में वर्णित तथ्यों के अनुसार रेलवे ने सभी अतिक्रमणकारियों को निर्देश दिया गया हैं कि यदि इन्हें अपने पक्ष में कोई बात रखनी है तो 24 जून को संबंधित कार्यालय में अपनी बात रख सकते हैं, उसके बाद कोई भी बातें अतिक्रमणकारियों की नहीं सुनी जाएगी।
रेलवे सू़त्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (कार्य), ठाकुरगंज क्षेत्रांतर्गत उक्त रेलखंड में पड़ने वाले तैयबपुर, ठाकुरगंज, पिपरीथान, गलगलिया, अधिकारी, बतासी एवं नक्सलबाड़ी स्टेशन के ईद गिर्द रेलवे की आधिपत्य की भूमि को मुक्त करने हेतु रेलवे द्वारा नोटिस दी गई थी। नोटिस प्राप्त करने वाले को शुक्रवार तक अपने पक्ष रखने की बात कही गई थी। दिए गए नोटिस के आलोक में कई लोगों ने वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (कार्य), ठाकुरगंज में कोई लिखित तो अपन पक्ष नहीं रखा, पर इनकी उपस्थिति कार्यालय में ली गई। नोटिस के एवज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में कई झुग्गीवासी, दुकानदार आदि थे, जिसमें कुछ महिलाएं भी थी।
इस संबंध में सीनियर सेक्सन इंजीनियर (वर्क) के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता अरुण कुमार ने बताया कि पूर्व से ही रेलवे की भूमि का सीमांकन किया गया है। वर्तमान समय में अलुआबाड़ी- रेलखंड में विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है जिसमें चिन्हित स्थानों पर पावर सब स्टेशन बनाए जा रहे हैं। रेलवे की भूमि को अतिक्रमित किए जाने के कारण विद्युतीकरण कार्य सहित रेल के अन्य विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। रेलवे ने पूर्व से अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर अपना अनधिकृत रूप से आधिपत्य भूमि को खाली करने का कई बार नोटिस थमाया गया हैं पर ये लोग भूमि से हट नहीं रहे थे। वहीं नोटिस में कब्जा नहीं छोड़ने पर रेलवे प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई करने चेतावनी दी है। रेलवे की कार्रवाई से क्षति व नुकसान हो सकता है, इसके लिए रेलवे जवाबदार नहीं होंगे। रेलवे के इस नोटिस से रेलवे के जमीन में रहने वाले प्रभावित लोगों की चिंता बढ़ गई है।