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सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया डुमरिया ने ऋण वितरण शिविर आयोजित कर 91 जीविका समूहों के लिए एक करोड़ 21 लाख राशि का किया वितरण।

सारस न्यूज, किशनगंज।

बुधवार को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा- डुमरिया (ठाकुरगंज) के तत्वावधान में जीविका समूहों के लिए ऋण वितरण शिविर का आयोजन किया गया। आयोजित शिविर में ग्रामीण विकास केंद्रीय कार्यालय मुंबई के डीजीएम राकेश कुमार, पूर्णिया क्षेत्रीय कार्यालय के रीजनल मैनेजर एम एस गुप्ता, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया किशनगंज के वरीय शाखा प्रबंधक धनंजय कुमार, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, डुमरिया(ठाकुरगंज) के शाखा प्रबंधक रमेंद्र शंकर, प्रखंड परियोजना प्रबंधक(जीविका) ठाकुरगंज अशोक कुमार ठाकुर, सीसी संजीव कुमार के अलावे जीविका कर्मी व स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित थी।

शिविर में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया डुमरिया के शाखा प्रबंधक रमेंद्र शंकर ने बताया कि जीविका समूहों के लिए पहले ऋण स्वीकृत करने के बाद शिविर में खाता के माध्यम से 91 जीविका समूहों के बीच कुल एक करोड़ 21 लाख रुपए का ऋण खाता के माध्यम से वितरित किए गए। शाखा प्रबंधक रमेंद्र शंकर ने कहा कि समूह की महिलाओं से ऋण राशि का इस्तेमाल सही दिशा में करने तथा खाता का संचालन नियमित रूप से करने का अनुरोध किया। बताया कि सीबीआई के द्वारा सलाना ऋण जीविका समूहों के बीच वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक माह कैंप लगाकर ऋण वितरण करने की योजना बनाई गई है और इस दिशा में शाखा तत्परता के साथ काम कर रही है। बताया कि शाखा में जीविका के समूहों का बचत खाता संचालित है। जिसमें बड़ी संख्या में ठाकुरगंज प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के जीविका समूह के महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि बैंकों का उद्देश्य जीविका समूह को ऋण देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए विकास में भागीदार बन सके। जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक (बीपीएम) अशोक कुमार ठाकुर ने प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत समूहों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए शाखा परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया और बताया कि ऋण प्राप्त करने वाली स्वयं सहायता समूहों को कृषि, पशुपालन एवं लघु व्यवसाय के क्षेत्र में काम कर मुनाफा कमाने को कहा गया है। साथ ही समूह की सदस्यों को मापदंड पर खड़ा उतरकर लेन-देन करने का सुझाव दिया ताकि समूह को इसका लाभ मिले और बैंक शाखा में भी सुचारू रूप से जमा निकासी हो सके।

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