ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सालगुड़ी में हिंद खेत मजदूर पंचायत के तत्वधान में विश्व बाल श्रम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सालगुड़ी चौक स्थित हिन्द खेत मजदूर पंचायत के स्कूल में अध्ययनरत बच्चों ने जागरूकता रैली निकाली। रैली में आधी रोटी खाएंगे, फिर भी स्कूल जाएंगे जैसे कई नारे बच्चों ने लगाए।
इस अवसर पर हिन्द खेत मजदूर पंचायत के महामंत्री अलीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार है और जीवन में बच्चों के अवसरों का विस्तार करने में प्रत्येक समाज की जिम्मेदारी है। भारत में बाल श्रम की समस्या है। बाल श्रम आज के समय सबसे बड़ी चुनौती है। गरीबी की वजह से बच्चे मजबूर होकर मजदूरी करना शुरू कर देते हैं। बाल मजदूरी बच्चों से स्कूल जाने का अधिकार छीन लेता है। शिक्षा में काफी रुकावट होती है। जिससे बच्चों के स्कूल जाने में उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन पर खराब प्रभाव पड़ता है। इसे रोकने के लिए सरकार और कई संगठन अपने स्तर से कार्य कर रही है। अगर व्यावसायिक उद्देश्य से किए जा रहे किसी कार्य के लिए 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को नियुक्त किया जाता है तो वह बाल श्रम कहलाता है। इसे भारत में गैरकानूनी करार दिया गया है। भारतीय संविधान में बाल श्रम पर पाबंदी लगाई गई है। इस मौके पर हिन्द खेत मजदूर पंचायत के जिला महासचिव मो शकील, संतोष कुमार, मो शमीम, शीला देवी, मैंदुर रहमान, चाइल्ड लेबर स्कूल के शिक्षक अली ईमाम, सचिन कुमार, मनीष कुमार, सब्बा आलम, फुलमनी देवी, इतेहसाम, मेनुका कुमारी, ओमप्रकाश मुर्मु, विजय तांती, मो नसीम व विद्यालय के छात्र शामिल हुए।
सारस न्यूज, किशनगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत सालगुड़ी में हिंद खेत मजदूर पंचायत के तत्वधान में विश्व बाल श्रम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सालगुड़ी चौक स्थित हिन्द खेत मजदूर पंचायत के स्कूल में अध्ययनरत बच्चों ने जागरूकता रैली निकाली। रैली में आधी रोटी खाएंगे, फिर भी स्कूल जाएंगे जैसे कई नारे बच्चों ने लगाए।
इस अवसर पर हिन्द खेत मजदूर पंचायत के महामंत्री अलीमुद्दीन अंसारी ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार है और जीवन में बच्चों के अवसरों का विस्तार करने में प्रत्येक समाज की जिम्मेदारी है। भारत में बाल श्रम की समस्या है। बाल श्रम आज के समय सबसे बड़ी चुनौती है। गरीबी की वजह से बच्चे मजबूर होकर मजदूरी करना शुरू कर देते हैं। बाल मजदूरी बच्चों से स्कूल जाने का अधिकार छीन लेता है। शिक्षा में काफी रुकावट होती है। जिससे बच्चों के स्कूल जाने में उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन पर खराब प्रभाव पड़ता है। इसे रोकने के लिए सरकार और कई संगठन अपने स्तर से कार्य कर रही है। अगर व्यावसायिक उद्देश्य से किए जा रहे किसी कार्य के लिए 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे को नियुक्त किया जाता है तो वह बाल श्रम कहलाता है। इसे भारत में गैरकानूनी करार दिया गया है। भारतीय संविधान में बाल श्रम पर पाबंदी लगाई गई है। इस मौके पर हिन्द खेत मजदूर पंचायत के जिला महासचिव मो शकील, संतोष कुमार, मो शमीम, शीला देवी, मैंदुर रहमान, चाइल्ड लेबर स्कूल के शिक्षक अली ईमाम, सचिन कुमार, मनीष कुमार, सब्बा आलम, फुलमनी देवी, इतेहसाम, मेनुका कुमारी, ओमप्रकाश मुर्मु, विजय तांती, मो नसीम व विद्यालय के छात्र शामिल हुए।
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