मंगलवार को 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय ठाकुरगंज के द्वारा बड़े ही धूमधाम से सशस्त्र सीमा बल का 59वां स्थापना दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम कार्यवाहक कमांडेंट रविकांत द्विवेदी ने सभी बल कार्मिकों एवं उनके स्वजनों को सशस्त्र सीमा बल के 59वां स्थापना दिवस पर शुभकामनायें दी तथा अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार द्वारा सन् 1962 में चीनी संघर्ष के दौरान यह महसूस किया गया था कि केवल बंदूक के बल पर देश की सीमाओं की रक्षा नहीं की जा सकती। इस प्रकार विशेष सेवा ब्यूरो (अब सशस्त्र सीमा बल) की कल्पना नवंबर 1962 में की गई। इसके बाद एसएसबी का अधिकार क्षेत्र मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू (1965), मेघालय (1975), सिक्किम (1976), राजस्थान (1985), नागालैंड और मिजोरम (1989) तक बढ़ा दिया गया था। उन्होंने बताया कि सन् 1963 से एसएसबी का मुख्य जोर राष्ट्रीय जुड़ाव, सुरक्षा और सतर्कता की भावना पैदा करने पर था। सन् 2001 से भारत-नेपाल एवं सन् 2004 से भारत-भूटान सीमा पर तैनाती के बाद एसएसबी ने कम समय में ही नेपाल और भूटान के साथ निर्धारित सीमाओं पर प्रभावी ढंग से अपनी जड़ जमा ली है। भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमाओं पर एसएसबी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के साथ-साथ घसुपैठ, तस्करी और राष्ट्रीय विरोधी गितिविधिओं का प्रभावी ढंग से मुकाबला करते हुए सीमाओं पर भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के दायित्वों को बखूबी निभा रहा है।
इस दौरान एसएसबी के सभी जवानों एवं उनके स्वजनों के बीच मिठाईयां वितरीत किए गए। इसके उपरांत 19वीं वाहिनी के क्रिकेट टीम और ठाकुरगंज क्लब के टीम के साथ मैत्री खेल का आयोजन किया गया जिसमें 19वीं वाहिनी की टीम विजयी रही जबकि मैन ऑफ़ द मैच ठाकुरगंज क्लब के आफताब को उनके सराहनीय खेल के लिए दिया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक कमांडेंट (संचार) सुनील कुमार, सहायक कमांडेंट एस ए सिकंदर, निरीक्षक स्वरुप चंद, निरीक्षक शंकर कुमार मंडल, निरीक्षक विजेंद्र ठाकुर, उप निरीक्षक नरेश कुमार, दिनकर कुमार मिश्रा सहित बड़ी संख्या में बल कार्मिक व उनके स्वजन उपस्थित थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को 19वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल मुख्यालय ठाकुरगंज के द्वारा बड़े ही धूमधाम से सशस्त्र सीमा बल का 59वां स्थापना दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम कार्यवाहक कमांडेंट रविकांत द्विवेदी ने सभी बल कार्मिकों एवं उनके स्वजनों को सशस्त्र सीमा बल के 59वां स्थापना दिवस पर शुभकामनायें दी तथा अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार द्वारा सन् 1962 में चीनी संघर्ष के दौरान यह महसूस किया गया था कि केवल बंदूक के बल पर देश की सीमाओं की रक्षा नहीं की जा सकती। इस प्रकार विशेष सेवा ब्यूरो (अब सशस्त्र सीमा बल) की कल्पना नवंबर 1962 में की गई। इसके बाद एसएसबी का अधिकार क्षेत्र मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू (1965), मेघालय (1975), सिक्किम (1976), राजस्थान (1985), नागालैंड और मिजोरम (1989) तक बढ़ा दिया गया था। उन्होंने बताया कि सन् 1963 से एसएसबी का मुख्य जोर राष्ट्रीय जुड़ाव, सुरक्षा और सतर्कता की भावना पैदा करने पर था। सन् 2001 से भारत-नेपाल एवं सन् 2004 से भारत-भूटान सीमा पर तैनाती के बाद एसएसबी ने कम समय में ही नेपाल और भूटान के साथ निर्धारित सीमाओं पर प्रभावी ढंग से अपनी जड़ जमा ली है। भारत-नेपाल एवं भारत-भूटान सीमाओं पर एसएसबी सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के साथ-साथ घसुपैठ, तस्करी और राष्ट्रीय विरोधी गितिविधिओं का प्रभावी ढंग से मुकाबला करते हुए सीमाओं पर भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के दायित्वों को बखूबी निभा रहा है।
इस दौरान एसएसबी के सभी जवानों एवं उनके स्वजनों के बीच मिठाईयां वितरीत किए गए। इसके उपरांत 19वीं वाहिनी के क्रिकेट टीम और ठाकुरगंज क्लब के टीम के साथ मैत्री खेल का आयोजन किया गया जिसमें 19वीं वाहिनी की टीम विजयी रही जबकि मैन ऑफ़ द मैच ठाकुरगंज क्लब के आफताब को उनके सराहनीय खेल के लिए दिया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहायक कमांडेंट (संचार) सुनील कुमार, सहायक कमांडेंट एस ए सिकंदर, निरीक्षक स्वरुप चंद, निरीक्षक शंकर कुमार मंडल, निरीक्षक विजेंद्र ठाकुर, उप निरीक्षक नरेश कुमार, दिनकर कुमार मिश्रा सहित बड़ी संख्या में बल कार्मिक व उनके स्वजन उपस्थित थे।
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