रविवार को आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा ठाकुरगंज नगर स्थित आनंद मार्ग स्कूल में आयोजित तीन दिवसीय डायट स्तर सेमिनार का सफल समापन हुआ। इस सेमिनार में आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक विषयों पर गहन चर्चा की गई, जिसमें चतुर्वर्ग साधना एवं भक्ति, तंत्र की महत्ता, साधना का स्वरूप, हमारा समाज शास्त्र तथा प्राउट आर्थिक नीति की विशेषताओं पर विशेष विमर्श हुआ।
इस अवसर पर आनंद मार्ग के केंद्रीय प्रशिक्षक आचार्य पूर्णदेवानंद अवधूत ने मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने बताया कि तंत्र केवल साधना का माध्यम ही नहीं, बल्कि समाज निर्माण का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है। साधना के माध्यम से व्यक्ति न केवल आत्मिक उन्नति करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी ला सकता है। प्राउट (प्रगतिशील उपयोग सिद्धांत) आर्थिक नीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह सिद्धांत समाज के संतुलित विकास पर आधारित है और आर्थिक असमानता को समाप्त करने में सहायक है।
सेमिनार में लगभग 200 आनंद मार्गी भाई-बहनों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर गहन अध्ययन किया। साधकों ने ध्यान, कीर्तन और स्वाध्याय के माध्यम से अपनी साधना को और अधिक सशक्त बनाने के तरीकों को जाना। इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने आनंद मार्ग दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और साधकों को आत्मोन्नति एवं समाजोत्थान की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इस आयोजन में ठाकुरगंज के भुक्ति प्रधान सुमन भारती और डायट सेक्रेटरी आचार्य लीलाधीसानंद अवधूत की विशेष भूमिका रही। उनके कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह सेमिनार सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सेमिनार में शामिल साधकों ने इसे एक प्रेरणादायक अनुभव बताया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की।
यह सेमिनार साधकों के लिए न केवल आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने का मंच बना, बल्कि समाज निर्माण और आर्थिक नीति पर भी एक नई दृष्टि प्रदान करने में सहायक सिद्ध हुआ।
इस मौके पर इस मौके पर कृष्ण प्रसाद सिंह, प्रकाश मंडल, अमोद साह, परमानंद सिंह, त्रिलोकी साह, कुंदन गुप्ता, दीपक गोसाई, संतु विश्वास, गोपाल मंडल, सुरोजित आचार्य जी, सीता देवी, इशा मंडल, रिया साह ,खुशी शर्मा पूजा झा समिति झा सा मंगला देवी सहित बड़ी संख्या में आनंद मार्गी मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
रविवार को आनंद मार्ग प्रचारक संघ द्वारा ठाकुरगंज नगर स्थित आनंद मार्ग स्कूल में आयोजित तीन दिवसीय डायट स्तर सेमिनार का सफल समापन हुआ। इस सेमिनार में आध्यात्मिक, सामाजिक और आर्थिक विषयों पर गहन चर्चा की गई, जिसमें चतुर्वर्ग साधना एवं भक्ति, तंत्र की महत्ता, साधना का स्वरूप, हमारा समाज शास्त्र तथा प्राउट आर्थिक नीति की विशेषताओं पर विशेष विमर्श हुआ।
इस अवसर पर आनंद मार्ग के केंद्रीय प्रशिक्षक आचार्य पूर्णदेवानंद अवधूत ने मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने बताया कि तंत्र केवल साधना का माध्यम ही नहीं, बल्कि समाज निर्माण का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है। साधना के माध्यम से व्यक्ति न केवल आत्मिक उन्नति करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी ला सकता है। प्राउट (प्रगतिशील उपयोग सिद्धांत) आर्थिक नीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यह सिद्धांत समाज के संतुलित विकास पर आधारित है और आर्थिक असमानता को समाप्त करने में सहायक है।
सेमिनार में लगभग 200 आनंद मार्गी भाई-बहनों ने भाग लिया और विभिन्न विषयों पर गहन अध्ययन किया। साधकों ने ध्यान, कीर्तन और स्वाध्याय के माध्यम से अपनी साधना को और अधिक सशक्त बनाने के तरीकों को जाना। इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने आनंद मार्ग दर्शन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और साधकों को आत्मोन्नति एवं समाजोत्थान की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
इस आयोजन में ठाकुरगंज के भुक्ति प्रधान सुमन भारती और डायट सेक्रेटरी आचार्य लीलाधीसानंद अवधूत की विशेष भूमिका रही। उनके कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में यह सेमिनार सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सेमिनार में शामिल साधकों ने इसे एक प्रेरणादायक अनुभव बताया और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की।
यह सेमिनार साधकों के लिए न केवल आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने का मंच बना, बल्कि समाज निर्माण और आर्थिक नीति पर भी एक नई दृष्टि प्रदान करने में सहायक सिद्ध हुआ।
इस मौके पर इस मौके पर कृष्ण प्रसाद सिंह, प्रकाश मंडल, अमोद साह, परमानंद सिंह, त्रिलोकी साह, कुंदन गुप्ता, दीपक गोसाई, संतु विश्वास, गोपाल मंडल, सुरोजित आचार्य जी, सीता देवी, इशा मंडल, रिया साह ,खुशी शर्मा पूजा झा समिति झा सा मंगला देवी सहित बड़ी संख्या में आनंद मार्गी मौजूद थे।