मंगलवार को नगर पंचायत ठाकुरगंज व पौआखाली तथा ठाकुरगंज प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। साथ ही शिशु के स्वजनों को शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार उपयोग करने की जानकारी दी गई। इस संबंध में बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ सुमित कुमार ने बताया कि ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत नगर पंचायत ठाकुरगंज में 15, नगर पंचायत पौआखाली में 11 तथा ग्रामीण क्षेत्र के 21 पंचायतों में 299 कुल 325 आंगनवाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस आयोजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाल कुपोषण को कम करने में अनुपूरक आहार की अहम भूमिका होती है। छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता है एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लंबाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है। जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है। इसके लिए अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है। इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह 19 तारीख को छह माह के शिशुओं का अन्नप्राशन कराया जाता है। इसी क्रम में नगर पंचायत ठाकुरगंज अंतर्गत वार्ड नं 10 ठाकुरगंज बाजार केंद्र संख्या 138 में स्थानीय वार्ड पार्षद अमित कुमार सिन्हा की मौजूदगी में अन्नप्राशन दिवस कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर उक्त केंद्र की सेविका सोनी रानी ने बताया कि शिशुओं के वजन, लंबाई, तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास हेतु पौष्टिक व पूरक आहार की आवश्यकता होती है। इसलिए 6 माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देना चाहिए। 6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल-चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस, खूब मसले साग एवं फल प्रतिदिन दो बार 2 से 3 भरे हुए चम्मच से देना चाहिए। ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन 3 से 4 बार एवं 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नास्ते में देना चाहिए। उक्त कार्यक्रम का मॉनिटरिंग बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ सुमित कुमार, महिला पर्यवेक्षिका नीतू कुमारी, जयंती दास, सुनीता देवी, शिवांगी कुमारी, स्वीटी कुमारी एवं खैरुन निशां द्वारा किया गया तथा इस दौरान बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणों सहित संबंधित केंद्र के आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को नगर पंचायत ठाकुरगंज व पौआखाली तथा ठाकुरगंज प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। साथ ही शिशु के स्वजनों को शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार उपयोग करने की जानकारी दी गई। इस संबंध में बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ सुमित कुमार ने बताया कि ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत नगर पंचायत ठाकुरगंज में 15, नगर पंचायत पौआखाली में 11 तथा ग्रामीण क्षेत्र के 21 पंचायतों में 299 कुल 325 आंगनवाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस आयोजित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बाल कुपोषण को कम करने में अनुपूरक आहार की अहम भूमिका होती है। छह माह तक शिशु का वजन लगभग दो गुना बढ़ जाता है एवं एक वर्ष पूरा होने तक वजन लगभग तीन गुना एवं लंबाई जन्म से लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाती है। जीवन के दो वर्षों में तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास होता है। इसके लिए अतिरिक्त पोषक आहार की जरूरत होती है। इसलिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर माह 19 तारीख को छह माह के शिशुओं का अन्नप्राशन कराया जाता है। इसी क्रम में नगर पंचायत ठाकुरगंज अंतर्गत वार्ड नं 10 ठाकुरगंज बाजार केंद्र संख्या 138 में स्थानीय वार्ड पार्षद अमित कुमार सिन्हा की मौजूदगी में अन्नप्राशन दिवस कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर उक्त केंद्र की सेविका सोनी रानी ने बताया कि शिशुओं के वजन, लंबाई, तंत्रिका प्रणाली एवं मस्तिष्क विकास के साथ सभी अंगों में संरचनात्मक एवं कार्यात्मक दृष्टिकोण से बहुत तेजी से विकास हेतु पौष्टिक व पूरक आहार की आवश्यकता होती है। इसलिए 6 माह के बाद शिशुओं के लिए स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार देना चाहिए। 6 माह से 8 माह के बच्चों के लिए नरम दाल, दलिया, दाल-चावल, दाल में रोटी मसलकर अर्ध ठोस, खूब मसले साग एवं फल प्रतिदिन दो बार 2 से 3 भरे हुए चम्मच से देना चाहिए। ऐसे ही 9 माह से 11 माह तक के बच्चों को प्रतिदिन 3 से 4 बार एवं 12 माह से 2 वर्ष की अवधि में घर पर पका पूरा खाना एवं धुले एवं कटे फल को प्रतिदिन भोजन एवं नास्ते में देना चाहिए। उक्त कार्यक्रम का मॉनिटरिंग बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ सुमित कुमार, महिला पर्यवेक्षिका नीतू कुमारी, जयंती दास, सुनीता देवी, शिवांगी कुमारी, स्वीटी कुमारी एवं खैरुन निशां द्वारा किया गया तथा इस दौरान बच्चों के अभिभावक एवं ग्रामीणों सहित संबंधित केंद्र के आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका मौजूद थे।
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